वक्फ कानून के खिलाफ अनोखा विरोध, ‘बत्ती गुल्ल’ आंदोलन के चलते काट डाली पूरे गाँव की लाइट, कर्मचारी बर्खास्त..

30 अप्रैल की रात मेरठ के मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध स्वरूप ब्लैकआउट किया गया। रात 9 बजे से 9:15 बजे तक लोगों ने घर, दुकान और ऑफिस की लाइटें बंद रखीं। लिसाड़ी गेट की करीब 30 कॉलोनियों, जली कोठी, अहमदनगर, इस्लामाबाद और लोहिया नगर जैसे क्षेत्रों में हज़ारों घरों में बिजली बंद रही और सड़कों पर अंधेरा छा गया।
संविदा कर्मचारी ने काट दी पूरे गांव की बिजली
इस विरोध के दौरान अजराड़ा गांव में बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी रियाजुद्दीन ने पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बंद कर दी। जबकि प्रदर्शन केवल स्वेच्छा से घरों की लाइटें बंद रखने का था। ग्रामीणों ने जब इस अचानक बिजली कटौती का कारण पूछा, तो पता चला कि यह सप्लाई जानबूझकर काटी गई थी, जिससे विवाद की स्थिति बन गई।
इन्वर्टर चालू करने पर विवाद, गांव में तनाव की स्थिति बनी
बिजली कटने के बाद कई ग्रामीणों ने अपने घरों में इन्वर्टर चालू कर दिए। इस पर प्रदर्शन में शामिल मुस्लिम पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई और विरोध करने लगे। देखते ही देखते लोग आमने-सामने आ गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। कुछ ही देर में बिजली फिर से बहाल हो गई, लेकिन तब तक विवाद ने तूल पकड़ लिया था।
ऊर्जा मंत्री से शिकायत, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर से की। मंत्री ने मेरठ क्षेत्र के अधिकारियों को तत्काल जांच के आदेश दिए। शुक्रवार को ग्रामीण कल्लू पंडित के नेतृत्व में बिजलीघर पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई।
जांच में दोषी पाए गए रियाजुद्दीन, सेवा से बर्खास्त
एसडीओ हापुड़ हिमांशु सचान ने बताया कि रियाजुद्दीन संविदा कर्मचारी के तौर पर फीडर पर तैनात था। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उसने जानबूझकर गांव की बिजली सप्लाई बंद की थी। इस आधार पर उसे तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
रियाजुद्दीन का बचाव, बताया साजिश का शिकार
बर्खास्त कर्मचारी रियाजुद्दीन ने अपनी सफाई में कहा कि उसे नहीं पता कि उसे क्यों हटाया गया। उसके अनुसार, गांव से सूचना मिली थी कि कहीं आग लग गई है, इसलिए उसे शटडाउन लेना पड़ा। उसने कहा कि उसने बिजली सप्लाई लगभग 9:03 बजे बंद की और 10 मिनट बाद बहाल कर दी। इसकी एंट्री भी रजिस्टर में दर्ज है। उसने आरोप लगाया कि गांव के कुछ लोग उससे व्यक्तिगत दुश्मनी रखते हैं और उन्होंने ही उसे फंसाया है।