World Environment Day 2021: आज मनाया जा रहा विश्व पर्यावरण दिवस, जाने इसका इतिहास

नई दिल्लीः आधुनिकता की दौड़ में भाग रहे प्रत्येक देश के बीच धरती पर हर दिन प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिसके दुष्परिणाम समय-समय पर हमें देखने को मिलते हैं. पर्यावरण में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ने से तापमान में भी तेजी देखी जा रही है तो कहीं कहीं पर प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के कारण लंबे समय से बारिश भी नहीं हो पाती. ऐसे में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.

दुनियाभर में 5 जून के दिन हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को पर्यावरण और प्रदूषण से हो रहे नुकसान के प्रति जागरुक किया जाता है. प्रदूषण का बढ़ता स्तर पर्यावरण के साथ ही इंसानों के लिए खतरा बनता जा रहा है. इसके कारण कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं. वहीं इंसान कई प्रकार की गंभीर बिमारियों का शिकार भी हो रहे हैं.

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की और से की गई थी. पर्यावरण दिवस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई थी. इसी दिन यहां पर दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें भारत की ओर से तात्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाग लिया था.

इस सम्मेलन के दौरान ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी नींव पड़ी थी. जिसके चलते हर साल विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन का संकल्प लिया गया. जिससे लोगों को हर साल पर्यावरण में हो रहे बदलाव से अवगत कराया जा सके और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए लोगों को समय-समय पर जागरुक किया जा सके.

विश्व पर्यावरण दिवस की थीम

विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने से पहले हर साल के लिए एक थीम का चयन किया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Ecosystem Restoration)’ है. जंगलों को नया जीवन देकर, पेड़-पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से रिस्टोर कर सकते हैं.

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