सर्वोत्‍तम उत्‍तर प्रदेश के साथ कदमताल कर रही महिलाएं : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने नारी की सुरक्षा, सम्‍मान व स्‍वावलंबन के लिए कई योजनाएं शुरू की।

अन्‍तर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर इंदिरागांधी प्रतिष्‍ठान में आयोजित कार्यक्रम में श्री योगी ने कहा “ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे भारतीयों के लिए एक सवाल स्‍वत: खड़ा होता है कि, क्‍या अन्‍तर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस को कार्यक्रमों की औपचारिकता तक सीमित करके हम समस्‍या का समाधान निकाल सकते हैं लेकिन यह एक शुरूआत है। हमने तो अपने पर्व और त्योहारों को नारी शक्ति के साथ जोड़ा है। मिशन शक्ति जैसे अभियान की शुरूआत ही शारदीय नवरात्रि को हुई।”

उन्होने कहा कि पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं को भर्ती किया गया। महिला हेल्‍पलाइन का दायरे को बढ़ा कर चार जिलों से 75 जिलों में शुरू किया गया। स्‍वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाया गया।

मुख्‍यमंत्री ने कहा “ माता के समान कोई छाया नहीं है, माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है और माता के समान कोई प्रिय नहीं है, यही हम भारतीयों की धारणा रही है। नारी यूपी में मिशन शक्ति की शुरूआत शारदीय नवरात्रि के दिन हुई थी। नारी शक्ति की प्रतीक जगजननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम हम वर्ष में दो बार आयोजित करते हैं। दोनों अवसरों पर हम नारी शक्ति के बारे में उसकी महिमा उनकी शक्ति के एहसास की तुलना ही नहीं बल्कि उसका अनुसरण भी करते हैं। यही अवसर दीपावली पर भी प्राप्‍त होता है। नारी का सम्‍मान हमारी परम्‍परा व संस्‍कारों के साथ जुड़ा हुआ है। नारी सम्‍मान को सिर्फ त्‍योंहारों व औपचारिकताओं तक ही सीमित नहीं रखना है, इसे आगे बढ़ाना है। इसलिए अन्‍तर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर मिशन शक्ति के दूसरे चरण का आगाज किया जा रहा है।”

उन्होने कहा कि 2017 में सरकार बनने के साथ हमारे सामने कई चुनौतियां थी। यूपी आबादी के हिसाब से देश में सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां की विविधता को ध्‍यान में रखते हुए प्रदेश की जनता के समग्र व समावेशी विकास के लिए योजनाओं को तैयार किया गया ताकि जाति, भाषा व क्षेत्र के नाम पर विभाजन न हो सकें। इसके बाद समाज में कुछ तबको को विशेष प्रोत्‍साहन दिए जाने की जरूरत पड़ती है। उस समय सरकार व समाज उनके साथ खड़ा रहेगा। लखीमपुर की थारू जनजाति के बनाए उत्‍पादों को एक जिला एक उत्‍पाद से जोड़ा गया। इससे उनको राष्‍ट्रीय व अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक नई पहचान मिली।

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