पीएम मोदी के फ्रांस दौरे का मजा किरकिरा, क्यों हो रही खिंचाई?

पीएम मोदी फ़्रांस के बस्तील ऐसे में फ्रेंच मीडिया खूब सवाल कर रहा है। भारत के पीएम मोदी को फ़्रांस की ओर से दिए जा रहे सम्मान का ज़िक्र करते हुए मीडिया ने उन वजहों पर फोकस किया है जो भारत और फ़्रांस के बीच मौजूदा गठजोड़ को मज़बूती दे रहे हैं।

वो कह रहे थे ये देश रूस के नए ‘साम्राज्यवाद’ को लेकर उदासीन रवैया अपना रहे हैं। यूएन की आम सभा को भारत के प्रधानमंत्री ने भी संबोधित किया था। भारत यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा के प्रस्ताव पर पांच बार वोटिंग से बचता रहा था। भारत ने यूक्रेन में रूस के युद्ध से भी जुड़े मामलों पर भी कुछ नहीं कहा था।

बाद में मैक्रों ने अपने भाषण में मोदी का भी जिक्र किया. लेकिन उन्होंने भारत को न तो यूक्रेन मामले पर तटस्थ बने रहने और न ही रूस से सस्ता तेल ख़रीदने के लिए लताड़ा. इसके उलट उन्होंने मोदी की तारीफ़ की। मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ये युद्ध का समय नहीं है।

मैक्रों के भाषण में मोदी के इस अंदाज़ के लिए तारीफ़ भरे शब्द थे। फ़्रांस 24 ने लिखा है, भले ही भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा न की हो लेकिन मैक्रों भारत को इसके लिए माफ़ करने में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी दिखाई है। मैक्रों अक्सर मोदी को ‘’मेरे दोस्त’’ कह कर बुलाते हैं।

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