क्यों सपा के निशाने पर है केशव प्रसाद मौर्य , सामने आई ये बड़ी वजह !

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लगातार उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर लगातार निशाना साध रहे हैं. ऐसे देखा जाए तो इसमें कोई भी हैरानी वाली बात नहीं हैं

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लगातार उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर लगातार निशाना साध रहे हैं. ऐसे देखा जाए तो इसमें कोई भी हैरानी वाली बात नहीं हैं दोनों विरोधी दल के नेता हैं और एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं. लेकिन यूपी के राजनीतिक गलियारों में अखिलेश के मौर्य के खिलाफ हमलावर तेवरों को लेकर कुछ अलग ही चर्चाएं चल रही हैं. ऐसी चर्चाएं हैं कि यह अखिलेश की सोची समझी रणनीति है?

इसके लिए यूपी की राजनीति के जातीय समीकरण समझने होंगे. केशव प्रसाद मौर्य पिछड़े वर्ग से आते हैं. माना जाता है कि बीजेपी द्वारा उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाने की वजह से बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के मतदाता भगवा पार्टी से जुड़े. 2017 के चुनाव बीजेपी की जीत की मुख्य वजह पिछड़े वर्ग के बड़े हिस्से का समर्थन माना गया. इसके बाद यह कयास भी लगते रहे कि पार्टी उन्हें सीएम बना सकती है लेकिन ऐसा हो नहीं सका.

हालांकि पार्टी में उनकी अहमियत बनी रही और विधानसभा चुनाव 2022 में सिराथू सीट से चुनाव हारने के बावजूद  पार्टी ने उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम बना दिया.

अखिलेश की रणनीति
अखिलेश जानते हैं कि बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग बीजेपी के पाले में गया है, तो इसकी बड़ी वजह मौर्य हैं.  वह उन पर हमला कर यह मौर्य, कुशवाहा व अन्य पिछड़े वर्ग को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनके नेता का कद बीजेपी में लगातार घट रहा है. वह यह बताना चाहते हैं कि बीजेपी, मौर्य को कोई महत्व नहीं दे रही है. ऐस कर वह पिछड़े वर्ग के लोगों को बीजेपी से दूर करना चाहते हैं.

अगर अखिलेश केशव प्रसाद मौर्य को अपनी तरफ खींचने में सफल रहते हैं तो यह उनकी एक बड़ी जीत होगी. हाल ही में अखिलेश यादव ने यह बयान देकर हंगामा मचा दिया कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम से सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा था, ‘‘ अगर वह अपने 100 विधायकों के साथ आ जाएं, तो (मैं) उन्हें मुख्यमंत्री बना दूंगा.’’

अखिलेश यादव के इस आमंत्रण पर मौर्य ने पलटवार किया और कहा कि सपा के 100 से ज्यादा विधायक भाजपा के संपर्क में हैं.

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