डिम्पल ने क्यूँ की मैनपुरी के लिए “हाँ”

डिम्पल ने क्यूँ की मैनपुरी के लिए “हाँ”

पत्रकार – गौरव मैत्रेय , न्यूज़नशा

देश के राजनीतिक परिदृश्य में शुरू से महिलाओं की मौजूदगी कम बेशक रही है, परंतु आज का सच यह है कि महिलाओं में राजनीतिक चेतना का विकास तेजी से हो रहा है । जिसका प्रमाण है , उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में होने वाले उप लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव का भागीदार बनना समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।

 

मैनपुरी सीट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी । मैनपुरी को समाजवादी पार्टी कई दशकों के इतिहास को देखते हुए कहा जा रहा है,  कि डिंपल यादव आसानी से जीत जाएंगी ।  लेकिन यह इतना सीधा भी नहीं कि डिंपल का सियासी सफर मुलायम की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी होने के बावजूद बहुत आसान नहीं होगा।  क्योंकि डिंपल ने 2009 में राजनीति में एंट्री की और कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की 2012 में सपा ने विधानसभा चुनाव जीता तो अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और कन्नौज सीट खाली कर दी गई और उपचुनाव में मुलायम की रणनीति ने ऐसा काम किया कि डिंपल के सामने कोई उम्मीदवार नहीं टिका । लिहाजा मामला यह हुआ कि कन्नौज से डिंपल निर्विरोध चुनाव जीती।

उत्तर प्रदेश में डिंपल यादव अकेली ऐसी महिला हैं जो निर्विरोध लोकसभा पहुंची थी । 2019 में डिंपल को तब बड़ा झटका लगा,  जब बसपा के साथ गठबंधन के बावजूद कन्नौज से हार गई । लेकिन नेताजी के देहांत के बाद अब मैनपुरी में अपनी दावेदारी को ठोक चुकी हैं । इस बात को हर कोई भली-भांति जानता है,  कि मैनपुरी संसदीय सीट पर यादव परिवार का हमेशा से कब्जा रहा है।  डिंपल यादव बड़ी बहू की भूमिका में मुलायम सिंह यादव की अंतिम यात्रा के दौरान दिखाई दीं । उन्हें परिवार और गांव की आने वाली महिलाओं के बीच बैठे देखा गया । डिंपल इस दौरान भावुक महिलाओं को सांत्वना भी देती दिखाई दीं । डिंपल के चेहरे पर ससुर के निधन का दुख साफ दिख रहा था । हालांकि जब एक बुजुर्ग महिला ने डिंपल को गले लगाया तो वे अपने आंसू नहीं रोक पाईं । डिंपल इस दौरान अपनी बेटी को भी सांत्वना देती दिखीं अखिलेश यादव और डिंपल की बेटी के काफी करीब थी जब नेता जी की अंतिम यात्रा पर निकले तो वह फूट-फूटकर रोने लगी डिंपल उन्हें सांत्वना देती दिखाई दीं उस दौरान ऐसी तमाम सी तस्वीरें देखी गई थी जिससे यह साफ जाहिर होता है कि जो अश्क नेता जी के अंदर थी वह अश्क डिंपल में कहीं ना कहीं दिखता है यही वजह है कि डिंपल मैनपुरी के लिए वरदान साबित होती दिख रही है आपको बता दें कि 5 दिसंबर को मैनपुरी में उपचुनाव होने है जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होगी।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के देहांत के बाद यह लोकसभा सीट रिक्त हो गई थी। वैसे तो मैनपुरी यादव का गढ़ माना जाता है। और कई सालों से इस सीट पर यादव परिवार का दबदबा रहा है। ऐसे में सवाल उठाता है कि क्या मुलायम सिंह की बहू मैनपुरी सीट पर जीत का परचम लहराने में कामयाब हो पाएगी। इसके साथ ही इस सीट पर अब यादव परिवार की प्रतिष्ठा पर भी दांव लग गई है। और उपचुनाव जीतना सपा के लिए काफी अहम हो गया है ।इस लिहाज से स्थिति डिंपल यादव और अखिलेश यादव के पक्ष में है , और डिंपल आसानी से संसद पहुंच जाएंगी । वहीं दूसरी ओर अगर उन्‍हें मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाले सदस्‍य के तौर पर देखा जाए तो भी इससे अखिलेश की राह मुश्किल होने वाली नहीं है।  बल्कि अखिलेश उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को और भी मजबूत बना सकेंगे।

 

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