WHO ने जताई चिंता, कोरोना का नया वेरिएंट, अब तक 5 देशों में मिला

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना (Covid-19 Omicron) के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन (Omicron) का नाम दिया है. साथ ही इसे ‘वेरिएंट ऑफ कन्सर्न’ श्रेणी में रखा गया है. यानी इसका मतलब ये हुआ कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार को लेकर चिंता जताई गई है और आने वाले दिनों में इस पर खास नज़र रखी जाएगी. बता दें कि कोरोना का ये नया वेरिएंट 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में मिला था. वहीं हाल के दिनों में बोत्सवाना, बेल्जियम, हॉन्गकॉन्ग और इजराइल सहित कुल पांच देशों में इसकी पहचान की गई है. बता दें कि कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में हड़कंप मच गया है. ब्रिटेन सहित कई देशों ने साउथ अफ्रीका से आने वाली फ्लाइट्स पर पाबंदियां लगा दी हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का ये नया वेरिएंट तेजी से फैल सकता है.

कोरोना के इस नए वेरिएंट को पहले B.1.1.529 का नाम दिया गया था, लेकिन अब ये ओमिक्रॉन के नाम से जाना जाएगा. शुक्रवार को WHO ने कहा था कि ओमिक्रॉन दक्षिण अफ्रीका के कई इलाकों में तेजी से फैल रहा है. एक बयान में WHO ने कहा कि चिंता की बात ये है कि कोरोना के इस वेरिएंट में तेजी से म्यूटेशन भी हो रहा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नए वेरिएंट के प्रभाव को समझने में कुछ सप्ताह लगेंगे. फिलहाल वैज्ञानिक ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये कितनी तेज़ी से एक से दूसरे लोगों में फैल रहा है.

क्या नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर है वैक्सीन?
ब्रिटेन के एक बड़े स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन काफी कम प्रभावी होगी, लेकिन ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक जीवविज्ञानी प्रोफेसर जेम्स नाइस्मिथ ने कहा ‘ये बुरी खबर है, लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. इस बीच अमेरिका के जाने माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने कहा है कि हो सकता है कि इस नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन काम प्रभावी हो और सही तरीके से काम करे.

नए वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में चिंता
दक्षिण अफ्रीका की आबादी करीब छह करोड़ है और यहां कोविड-19 के 29 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं. वहीं, संक्रमण से 89,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है. यूरोपीय संघ के देश कोविड-19 के एक नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए दक्षिण अफ्रीका से आने वाले हवाई यात्रियों पर रोक लगाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं.ये कदम ऐसे वक्त में उठाए जा रहे हैं जब 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में संक्रमण के मामले काफी बढ़ रहे हैं.

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