कब से चलेगी रांची-देवघर इंटरसिटी और हटिया-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन? जानें

रांची. देवघर में बाबा के मंदिर का द्वार खुलने के बाद देश के साथ ही झारखंड के विभिन्‍न हिस्‍सों से श्रद्धालुओं का बाबाधाम पहुंचना शुरू हो गया है. प्रदेश की राजधानी रांची से बाबाधाम जाने का सबसे आसान और सुलभ साधन ट्रेन है. इसके बावजूद रांची-देवघर इंटरसिटी ट्रेन (Ranchi Deoghar Intercity Train) के परिचालन को अभी तक हरी झंडी नहीं दी गई है. इसके अलावा रांची से पटना जाने वाली हटिया-पाटलिपुत्र एक्‍सप्रेस ट्रेन को भी अभी तक हरी झंडी नहीं दी गई है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते कई ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया था, लेकिन हालात सुधरने के बाद कइयों को फिर से चलाने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है. रांची-देवघर और हटिया-पाटलिपुत्र एक्‍सप्रेस को फिर से शुरू करने को लेकर दक्षिण-पूर्व रेलवे (South East Railway) उदासीन बना हुआ है. इससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

रांची से पटना, जसीडीह, बोकारो, देवघर आदि शहरों के लिए रोजाना बड़ी तादाद में लोग ट्रेनों से सफर करते हैं. इन शहरों के लिए राजधानी रांची से कई ट्रेनें चलाई गई हैं, लकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमल में लाए गए नए प्रावधानों के तहत सिर्फ कंफर्म टिकट पर ही यात्रा संभव है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खासकर रांची-देवघर और हटिया-पाटलिपुत्र एक्‍सप्रेस ट्रेन के न चलने से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद दक्षिण-पूर्व रेलवे इन दोनों ट्रेनों के परिचालन को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है.

 कुछ दिनों पहले ही इंडियन रेलवे ने ने झारखंड समेत अन्‍य प्रदेशों के यात्रियों को बड़ी राहत दी थी. दक्षिण-पूर्व रेलवे ने 22 जोड़ी एक्‍सप्रेस ट्रेनों के परिचालन को तीन महीने का विस्‍तार देने का फैसला किया था. अब ये ट्रेनें दिसंबर महीने तक चलेंगी. रेलवे ने त्‍योहारी सीजन को देखते हुए यह फैसला किया, ताकि लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना न करना पड़े.

साउथ-ईस्‍ट रेलवे के उपमुख्य परिचालन प्रबंधक (कोचिंग) संजय घोष ने ट्रेनों के एक्‍सटेंशन को लेकर चक्रधरपुर रेल मंडल को पत्र जारी किया था. इस पत्र के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व रेलवे के रांची, चक्रधरपुर, खड़गपुर और आद्रा रेल मंडल से होकर चलने वाली 22 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का विस्तार 3 महीने यानी दिसंबर तक करने की बात कही गई थी.

Related Articles

Back to top button