जब अखिलेश यादव ने अपने अधिकार के लिए लिखी चिट्ठी

समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव को अपने अधिकारों के लिए लिखनी पड़ी थी चिट्ठी तो आपको पता है उस चिट्ठी में अखिलेश यादव ने क्या लिखा था।

तो आपको हम बता दें 7 दिसंबर को अखिलेश यादव का कार्यक्रम कन्नौज में लगा हुआ था उस दौरान अखिलेश यादव किसान बिल के विरोध में एक कार्यक्रम करने वाले थे और यह कार्यक्रम अखिलेश यादव का कन्नौज में था जिसके लिए अखिलेश यादव सुबह लखनऊ से कन्नौज निकलने वाले थे उसके पहले ही लखनऊ पुलिस ने अखिलेश यादव के घर के सारे दरवाजे के सामने ब्रैकेट लगवा दिए और समाजवादी पार्टी कार्यालय पर भी पुलिस की तैनाती कर दी गई इसके साथ-साथ अखिलेश यादव की सारी गाड़ियां पुलिस ने अपने कब्जे में कर ली जिसके बाद अखिलेश यादव ने अपने हक के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा उस पत्र में अखिलेश यादव लिखते हैं।

“मैं लोकसभा का सदस्य तथा समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पद पर भी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुका हूं ।

किसानों के समर्थन में मेरे पूर्व घोषित कार्यक्रम 7 दिसंबर 2020 को जनपद कन्नौज में लगा है वहां सभी तैयारियां हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश की सरकार के निर्देश पर मुझे कार्यक्रम में जाने से रोका गया है विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ स्थित मेरे आवास पर भारी पुलिस बल लगा है मेरे वाहनों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है यह मामला सांसद होने के नाते विशेषाधिकार के हनन का भी है।

कृपया तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि अपनी लोकतांत्रिक गतिविधियों को संपन्न करने का मेरा अधिकार बहाल हो सके”

 

फिलहाल लखनऊ पुलिस अखिलेश यादव को गिरफ्तार कर ली थी और फिर अखिलेश यादव को यूको गार्डन ले जाया गया जहां पर अखिलेश यादव और उनके कार्यकर्ता और नेताओं ने किसान बिल का विरोध किया और फिर अखिलेश यादव शाम को अपने पार्टी कार्यालय वापस लौटे और पुलिस ने अखिलेश यादव को कन्नौज आने से रोक दिया था।

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