राफेल भ्रष्टाचार मामले में क्या सही थे राहुल गांधी? बढ सकती है पीएम मोदी की मुश्किल

दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे से कुछ दिन पहले फ्रांसीसी इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट मेदियापार ने खुलासा किया है कि पेरिस मजिस्ट्रेट ने भारत सरकार को एक आधिकारिक अनुरोध भेजा है।

जिसमें दासो एविएशन द्वारा कथित तौर पर भारत में 36 रफाल लड़ाकू विमानों की बिक्री के लिए 2015-16 में हुए सौदे के हिस्से के तौर पर किए गए भुगतान को लेकर चल रही जांच में सहयोग मांगा है।फिलिपिन की रिपोर्ट कहती है, ‘मजिस्ट्रेट दो भारतीय जांचों की केस फाइलों का अध्ययन करने में विशेष रुचि रखते हैं, जिसमें- जैसा कि मेदियापार ने पहले बताया था– इस बात के विस्तृत सबूत हैं कि दासो ने 2016 में हुए इस सौदे को पाने के लिए गुप्त रूप से भारत के एक बिचौलिये सुषेन गुप्ता को कई मिलियन यूरो का भुगतान किया था।

इस बात की जानकारी नहीं है कि इस बारे में भारतीय प्रतिक्रिया क्या होगी। इस प्रकार के अनुरोध आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजे जाते हैं और भारत में संबंधित विभाग द्वारा देखे जाते हैं।

इस मामले में सबसे अधिक संभावना कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और वित्त मंत्रालय, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को संभालते हैं, द्वारा इस मामले को देखने की है।

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