डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है? कहीं आप भी इसकी गिरफ्त में तो नहीं?

डिजिटल स्क्रीन से हमेशा मुंह चुराना संभव नहीं है, लेकिन स्क्रीन के नेगेटिव परिणामों को कम कर सकते हैं। कैसे? इसके लिए पढ़े यह लेख।

नई दिल्ली। कुछ चीजों से बचना संभव नहीं और ना ही उन्हें पूरी तरह नकार सकते। बात कर रहे हैं डिजिटल स्क्रीन की। यदि दिनभर डिजिटल स्क्रीन पर आंखे टिकाई, तो आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। घंटों तक फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करने की वजह से लोगों को डिजिटल आई स्ट्रेन की समस्या हो सकती है। इस समस्या की वजह से लोगों की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। डिजिटल आई स्ट्रेन की समस्या आज के समय में बेहद आम हो गई है। इस समस्या से लोग खुद को बचा सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे?

डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण

– नजर में धुंधलापन होना

– आंखों में खुजली की समस्या होना

– आंखों में सूजन होना

– आंखों में से पानी आना

डिजिटल आई स्ट्रेन से ऐसे करें बचाव

– लैपटॉप और फोन की नीली रोशनी आँखों को काफी नुकसान पहुँचाती है, इसलिए रात में समय खासकर अँधेरे में इनका इस्तेमाल करने से बचें।

– लैपटॉप और फोन की नीली रोशनी से आंखों को बचाने के लिए ब्लू लेंस वाला चश्मा पहन सकते हैं।

– लैपटॉप या फोन को इस्तेमाल करते समय आंखों से कम से कम 1 फीट की दूरी जरूर रखनी चाहिए।

– इसके अलावा आप 20-20-20 का रूल भी आजमा सकते हैं। अगली बार लैपटॉप या फोन का इस्तेमाल करते समय हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकंड का ब्रेक लेना है। इस ब्रेक में आप अपने फ़ोन और लैपटॉप को 20 फ़ीट की दूरी पर रखें और इस दौरान स्क्रीन में बिलकुल भी ताका-झांकी न करें।

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