“मां, मैं चोर नहीं..”, चिप्स चोरी का इल्जाम और 13 वर्षीय छात्र ने कर ली आत्महत्या.. रुला देगा सुसाइड नोट

पश्चिम बंगाल के पूर्व मिदनापुर जिले के पांसकुरा स्थित गोसाईबेर बाजार में एक 13 वर्षीय छात्र, कृष्णेंदु दास, पर एक दुकान से चिप्स के पैकेट चुराने का आरोप लगाया गया। बताया गया कि दुकान के मालिक, शुभंकर दीक्षित, जो बंगाल पुलिस के सिविक वॉलंटियर भी हैं, ने कृष्णेंदु को दुकान के बाहर चिप्स का पैकेट उठाते देखा और उसे चोरी का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। उन्होंने उसे थप्पड़ मारा और सबके सामने कान पकड़कर उठक-बैठक करने को मजबूर किया।

सुसाइड नोट: “मां, मैंने चोरी नहीं की”

कृष्णेंदु ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने स्पष्ट किया कि उसने चोरी नहीं की थी। नोट में लिखा था: “मां, मैं चोर नहीं हूं। मैंने चोरी नहीं की। अंकल (दुकानदार) वहां नहीं थे, मैंने इंतजार किया। लौटते समय मैंने सड़क पर पड़ा कुरकुरे का पैकेट उठाया। मुझे कुरकुरे पसंद है।” उसने आगे लिखा: “यह मेरे अंतिम शब्द हैं। कृपया मुझे इस कृत्य (कीटनाशक पीने) के लिए माफ कर देना।”

अस्पताल में मौत और पुलिस जांच

कृष्णेंदु को गंभीर अवस्था में तामलुक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है और मामले की जांच जारी है। दुकानदार शुभंकर दीक्षित फिलहाल फरार हैं।

सामाजिक प्रतिक्रिया और न्याय की मांग

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों ने दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस मामले में न्याय की मांग की है और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज को अधिक संवेदनशील होने की अपील की है।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता

यह घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की उदासीनता को उजागर करती है। छोटे आरोपों और सार्वजनिक अपमान से बच्चों पर गहरा मानसिक प्रभाव पड़ सकता है। अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को बच्चों के साथ संवेदनशीलता और समझदारी से पेश आना चाहिए।

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