West Asia : हिजबुल्ला को भारी पड़ा ‘फोन तोड़ो’ अभियान: एक मैसेज और 3 ग्राम PETN से मोसाद ने हजारों लड़ाकों को कैसे बनाया अपंग?
इस मैसेज के माध्यम से, हिजबुल्ला के लड़ाकों ने सोचा कि उनकी संचार प्रणाली सुरक्षित है।

लेबनान के मिलिशिया समूह हिजबुल्ला को हाल ही में ‘फोन तोड़ो’ अभियान का भारी नुकसान हुआ है। इस अभियान का उद्देश्य हिजबुल्ला के लड़ाकों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से रोकना था, ताकि इजरायल उनकी लोकेशन को ट्रैक न कर सके। हिजबुल्ला के सदस्यों ने पेजर जैसे पुराने संचार साधनों का इस्तेमाल शुरू किया, यह सोचकर कि इससे उनकी गतिविधियों को छिपाना आसान होगा।
लेकिन इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस स्थिति का लाभ उठाते हुए एक हैरतअंगेज ऑपरेशन को अंजाम दिया। मोसाद ने हिजबुल्ला के सदस्यों को एक मैसेज भेजा, जिसमें उन्हें जानकारी दी गई कि उनके पेजर सुरक्षित हैं। इस मैसेज के माध्यम से, हिजबुल्ला के लड़ाकों ने सोचा कि उनकी संचार प्रणाली सुरक्षित है।
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हालांकि, यह सब एक जाल था। मोसाद ने ऑपरेशन के दौरान 3 ग्राम PETN (पेट्रॉलीयम एक्सप्लोसिव) का इस्तेमाल किया। जब हिजबुल्ला के लड़ाकों ने इस जाल में फंसकर अपने पेजर का उपयोग करना जारी रखा, तो मोसाद ने उन्हें एकसाथ लक्षित कर हमला किया। इस हमले के परिणामस्वरूप हजारों हिजबुल्ला के लड़ाके अपंग हो गए।
यह ऑपरेशन इजरायली खुफिया की रणनीतिक चतुराई को दर्शाता है और हिजबुल्ला के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि युद्ध की नई तकनीकें और सूचना युद्ध का महत्व बढ़ता जा रहा है, जिससे आतंकवादी संगठन अपनी योजनाओं में कमी और असफलता का सामना कर रहे हैं।