वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर अपनाया हिन्दू धर्म, अब त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे

नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं

लखनऊ. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू धर्म अपना लिया है। गाजियाबाद स्थित डासना के देवी मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिन्दू धर्म में शामिल कराया। वहीं इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं।इस दौरान वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, इसलिए आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।

नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने पहले ही ऐलान किया था कि वह इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि डासना की देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल करवाएंगे। बता दें कि वसीम रिजवी अक्सर ही अपनी बातों और हरकतों से विवादों में रहते हैं। कुछ दिनों पहले रिजवी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनके मरने के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने यह भी इच्छा जताई थी कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें।

26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

वसीम रिजवी ने तब एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। इस वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था, ‘मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।  मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे। इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए। गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने कुरान की कथित रूप से ‘विवादित 26 आयतों’ को हटाने के लिए कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट को रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

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