“Waqf Act: मंत्री ने मुफ्ती की तारीफ की”
यह विधेयक वर्तमान वक्फ अधिनियम में सुधार करने के उद्देश्य से लाया गया है

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया था। यह विधेयक वर्तमान वक्फ अधिनियम में सुधार करने के उद्देश्य से लाया गया है, ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। विधेयक अब संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास है, जो इस पर विस्तृत जांच और विचार कर रही है।
JPC ने विधेयक पर विभिन्न मुस्लिम संगठनों से राय मांगी है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विधेयक सभी संबंधित पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में, देशभर के कई मुस्लिम संगठनों ने विधेयक पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिनमें कुछ आलोचनात्मक भी हैं।
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इस बीच, उत्तराखंड के मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने भी इस विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि विधेयक के कुछ प्रावधान वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ ऐसे पहलू भी हैं जिनसे मौजूदा वक्फ संस्थानों की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है।
उनका कहना है कि विधेयक में सुधार के लिए व्यापक चर्चा और सहमति की आवश्यकता है, ताकि सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित और प्रभावी कानून तैयार किया जा सके। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया इस बात को रेखांकित करती है कि विधेयक पर अधिक व्यापक और समावेशी विचार विमर्श की आवश्यकता है।