वीएम सिंह और भानू ने आंदोलन से पल्ला झाड़ा, टिकैत पर जड़ा आरोप

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में तोड़फोड़ के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में दिख रही है। पुलिस ने लगभग 200 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है तो वहीं किसान नेताओं पर FIR दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ आंदोलन भटकता हुआ नजर आ रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से अलग होने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने भी आंदोलन से अलग होने का ऐलान किया है।

बता दें कि वीएम सिंह ने आंदोलन से अलग होते हुए राकेश टिकेत पर जमकर आरोप लगाया। उन्होंने कल दिल्ली में हुए हिंसा पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ नेताओं के कारण आंदोलन सही रास्ता से भटक गया। उन्होंने हिंसा के लिये राकेश टिकेत को जिम्मेदार ठहराया। वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकेत सरकार के साथ बातचीत करते रहे,लेकिन कभी उन्होंने गन्ना किसानों की मांग को नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हम समर्थन करते रहे,जिसका गलत फायदा उठाया गया।

मालूम हो कि दिल्ली में 26 जनवरी को लालकिला के प्राचीर पर जहां से पीएम झंडा फहराते है,वहां निशान साहेब का झंडा फहराया गया। वहीं पुलिस के साथ हाथापाई की गई। काफी संख्या में उपद्रवियों ने लाल किला परिसर पर उत्पात मचाता रहा। उधर जब राजपथ पर झांकी निकाली जा रही थी,ठीक उसी समय आईटीओ पर किसान आंदोलन उग्र हो रहा था। काफी देर के बाद दिल्ली पुलिस ने हालात पर कब्जा कर पाया। दूसरी तरफ आंदोलन से जुड़े नेताओं ने आंदोलन के नाम पर हिंसा को गलत बताते हुए किनारा कर लिया। हालांकि किसान आंदोलन को समर्थन और विरोध करने का सियासी दांवपेंच भी देखने को मिल रहा है। हरियाणा से विधायक अभयसिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया है।

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