देखिए मोदी जी, आपके स्वच्छ भारत अभियान पर ये अधिकारी फेर रहे हैं पानी

2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की 150वी जयंती के साथ प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान की पांचवी सालगिरह मनाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में जहाँ बीजेपी देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता फैला रही है, वहीँ उत्तर प्रदेश में कई गाँव इससे बिलकुल वंचित हैं। यहां अभियान को शुरू तो किया गया, मगर भ्रष्टाचार के चलते कभी आगे नहीं बढ़ पाया।

उत्तर प्रदेश के कुछ गाँव में स्वच्छता अभियान और घर घर शौचालय अभियान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। नसड़ा गावँ के लोगों का आरोप है कि उनके ग्राम निवास क्षेत्र के सचिव द्वारा शौचालय आदान राशि देने के बदले रिश्वत में दो हजार रुपये मांगता है। इसी विरोध में लोगों ने मंगलवार सुबह कानपुर की नर्वल तहसील के बाहर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में बैठे कई आदमियों ने अपना सिर मुंडवा कर गुस्सा जताया।

500 परिवारों के लिए 40 शौचालय

घर घर शौचालय अभियान को लेकर गाँव की महिलाओं ने बताया कि आज भी उन्हें शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है। दरअसल नसड़ा गाँव को जिसे कागजों में ओडीएफ मुक्त कर दिया गया है। लेकिन वास्तविकता में गाँव मे मात्र 40 शौचालय ही बने है। उनका भी भुगतान अब तक नही किया गया है। 500 से अधिक परिवारो से शौचालय के नाम पर रिश्वत की रकम मांगी जा रही है।

लिखित शिकायत भी हर बार नज़रअंदाज़

मामले को लेकर महिला ग्राम प्रधान का कहना है कि इन योजनाओं का लाभ अधिकारियों तक ही रह जाता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के साथ वे कई बार जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त के पास जाकर शिकायत कर चुकी हैं। उन्होंने सचिव अनिल कुमार शाक्य के खिलाफ रिश्वत की लिखित शिकायत भी दी है। लेकिन इन सभी शिकायतों को हर बार नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है। वहीँ नर्वल तहसील की एसडीएम का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में पहली बार आया है। मामले की जल्द से जल्द कार्यवाई की जाएगी।

मोहम्मद असलम की रिपोर्ट

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