ब्रेकिंग: अलकनंदा नदी में गिरा 19 यात्रियों से भरा टेम्पो ट्रैवलर, 3 की मौत.. कई लापता, घायलों की हालत नाजुक

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर घोलथिर के पास सोमवार को एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हो गया। यात्रियों से भरी एक टेंपो ट्रैवलर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई और सीधे अलकनंदा नदी में समा गई। अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 9 यात्री लापता हैं। सात घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।

हादसे की पूरी जानकारी

घटना की शुरुआत तब हुई जब एक 31 सीटर टेंपो ट्रैवलर (UK08 PA 7444) रुद्रप्रयाग से ऊपर की ओर जा रही थी। घोलथिर के पास स्टेट बैंक मोड़ पर अचानक वाहन अनियंत्रित हो गया और गहरी खाई में गिरकर सीधे अलकनंदा नदी में जा समाया। हादसे में कुल 20 लोग सवार थे, जिनमें से कई नदी में बह गए।

कुछ लोग छिटककर बचे, रेस्क्यू ने बचाई जान

वाहन के नदी में गिरने से पहले कुछ यात्री वाहन से बाहर गिर पड़े थे। स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मदद से इन घायलों को सड़क तक पहुंचाया गया। सभी घायलों को तुरंत जिला चिकित्सालय, रुद्रप्रयाग भेजा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है और लापता यात्रियों की तलाश की जा रही है।

रेस्क्यू में जुटी SDRF और प्रशासन

घटनास्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ और प्रशासन की संयुक्त टीमें सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। पूरे अभियान की निगरानी सीनियर अधिकारियों द्वारा की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने आमजन से अफवाहों से बचने और धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

आईजी और मंडलायुक्त ने दी जानकारी

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता और आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि वाहन में कुल 20 लोग सवार थे। हादसे में अब तक 3 मौतें हो चुकी हैं, 7 घायल हैं और 9 यात्रियों का अब तक कोई सुराग नहीं है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।

अलकनंदा नदी बनी हादसे की गवाह

यह हादसा रुद्रप्रयाग के घोलथिर क्षेत्र में हुआ, जो अलकनंदा नदी के किनारे बसा है। इस क्षेत्र में सड़कें संकरी और घुमावदार हैं, जिससे वाहन चलाना जोखिमभरा होता है। बताया जा रहा है कि अचानक मोड़ पर चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया।

जनता से अपील

पुलिस विभाग और प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे घटनास्थल पर न पहुंचे और सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक जानकारी को साझा न करें। हर जानकारी को आधिकारिक स्रोतों से ही लें।

 

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