उत्तराखंड टैंकरों से गंगाजल भिजवाने को तैयार, इधर भेस बदलकर आने लगे कांवड़िये

हरिद्वार. सुप्रीम कोर्ट के दखल और निर्देशों के बाद उत्तराखंड ने औपचारिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि अन्य राज्यों से गंगाजल की मांग होगी, तो इसका पूरा इंतज़ाम किया जाएगा. टैंकरों की व्यवस्था किस स्तर पर कैसे हो सकेगी? इसके साथ ही उत्तराखंड के सामने एक बड़ी चुनौती और खड़ी हो गई है कि छद्म रूप में आ रहे कांवड़ियों को कैसे रोका जाए? कांवड़ यात्रा पर देशव्यापी रोक लगने के आसार के चलते अन्य राज्यों से कांवड़िये सादे भेस में हरिद्वार पहुंचने की चाल शुरू कर चुके हैं और उनकी पहचान कर पाना बड़ी समस्या बन गई है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट में लिखा, ‘कांवड़ मेले के दौरान अगर राज्यों से गंगाजल लाने की मांग होगी, तो हम पूरा सहयोग करेंगे. पानी के टैंकरों के माध्यम से हरिद्वार से गंगाजल ले जाने की अनुमति मिलेगी.’ बता दें कि उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है जबकि उत्तर प्रदेश ने मंंज़ूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देकर उप्र से जवाब मांगा और यह भी कहा था कि गंगाजल के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. इसी संदर्भ में पहले भी हरिद्वार प्रशासन ने टैंकरों से व्यवस्था की बात कही थी.

कोविड संक्रमण के मद्देनज़र उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा को इस साल भी रद्द किया है, लेकिन इस बार कांवड़िये भेस बदलकर राज्य में प्रवेश ले रहे हैं. खबरों की मानें तो देहरादून से शनिवार को कुछ कांवड़ियों को हरिद्वार जाते देखा गया और अन्य राज्यों से भी पर्यटकों के तौर पर कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की खबरें हैं. हालांकि पुलिस इस बात से इनकार कर रही है.

हरिद्वार की सीमा को 24 जुलाई से कांवड़ियों के लिए बंद किया जाएगा क्योंकि 25 से यात्रा तय है. पुलिस विभाग के मुताबिक सीमा पर सख्ती 22 जुलाई से बढ़ाई जाएगी. इस पूरे इंतज़ाम को देखते हुए कांवड़ यात्री पहले ही ​प्रवेश करने की जुगत कर रहे हैं और पर्यटन के बहाने से हरिद्वार पहुंचने लगे हैं. लेकिन एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत के हवाले से खबरें कह रही हैं कि ऐसी कोई सूचना नहीं है. आशारोड़ी बैरियर पर चेकिंग अब भी जारी है, जिसे आने वाले दिनों में और सख्त किया जाएगा.

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