उत्तराखंड में बड़ा हादसा: खाई में गिरी गाडी, 8 लोगों की दर्दनाक.. सवार थे कुल 13 लोग, बाकी की हालत भी गंभीर

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक हृदयविदारक हादसे की खबर सामने आई है, जहां 13 लोगों को लेकर जा रहा एक वाहन मुवानी के पास सुनी पुल से नीचे खाई में गिर गया। इस भयावह हादसे में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य 5 घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। इस हादसे ने राज्य में फिर से सड़क सुरक्षा और पहाड़ी रास्तों की बदहाल स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुनी पुल के पास अनियंत्रित होकर खाई में गिरा वाहन
हादसा मंगलवार को तब हुआ जब एक मैक्स वाहन मुवानी से थल की ओर जा रहा था। जैसे ही गाड़ी सुनी पुल के निकट पहुंची, वह अचानक अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। वाहन में कुल 13 लोग सवार थे। हादसा इतना भयानक था कि 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी बुरी तरह घायल हो गए।
SDRF और पुलिस की टीमों ने संभाली कमान
दुर्घटना की सूचना मिलते ही पिथौरागढ़ पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर रवाना किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में घायलों को खाई से निकाला गया और नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को हेलीकॉप्टर के ज़रिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक, दिए राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने और घायलों के नि:शुल्क इलाज का आदेश दिया है। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि पीड़ितों को हर संभव सहायता और त्वरित राहत प्रदान की जाए।
खराब सड़कें और सुरक्षा इंतजामों की कमी जिम्मेदार?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह क्षेत्र पहाड़ी और जोखिम भरा है। कई बार प्रशासन को सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा रेलिंग लगाने की मांग की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्र में ओवरलोडिंग, खराब सड़कें और ड्राइवरों की थकान जैसी समस्याएं अक्सर दुर्घटनाओं की वजह बनती हैं।
जांच के आदेश, कारणों का जल्द होगा खुलासा
पिथौरागढ़ की SP रेखा यादव ने मीडिया को बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल या ड्राइवर की लापरवाही को कारण माना जा रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।
उत्तराखंड की सड़कों पर कब आएगी स्थायित्व की सुरक्षा?
इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में सड़क सुरक्षा को नजरअंदाज़ करना कितना जानलेवा हो सकता है। लगातार बढ़ते सड़क हादसों के बीच सवाल यह है कि क्या सरकार और प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएंगे या फिर सड़कें यूं ही जिंदगियां निगलती रहेंगी?