DCP ही लुट गए… ऐसे हुए 50 लाख की ठगी का शिकार, पुलिस ने कोना-कोना छान मारा, दबोचे गए फ्रॉडिये

अलीगढ़ के 97 वर्षीय रिटायर्ड डीएसपी साइबर ठगों का नया शिकार बन गए। ठगों ने उन्हें “ऊँचा ब्याज” या “पेंशन अपडेट” का झांसा देकर करीब ₹50 लाख की ठगी अंजाम दी। घटना ने सुरक्षा नियंत्रण की खामियों पर सवाल खड़ा किए हैं।

ठगी का तरीका – मित्रवत छल

अलिगढ़ पुलिस और साइबर अधिकारियों के मुताबिक, ठगों ने व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के माध्यम से वृद्ध अधिकारी को संपर्क किया। वे अपने आप को बैंक या सरकारी अधिकारी बताते हुए “पेंशन अपडेट” या “खास राशि” की जानकारी का दावा करते थे और लिंक भेजकर उन्हें फँसाया।

बड़ी रकम की निकासी

ठगों ने लिंक खोलवाकर डीएसपी के बैंक खाते से नियमित अंतराल पर कुल मिलाकर लगभग ₹50 लाख निकाल लिए। वरिष्ठ व्यक्ति होने की वजह से उन्होंने किसी आशंका के बिना अधिकारी से सहयोग किया।

साइबर थाने में मामला दर्ज

जैसे ही आशंका हुई, पीड़ित ने तुरंत साइबर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई। तुरंत कार्यवाही की और घटना की गहन छानबीन शुरू की।

अन्य मामलों की पृष्ठभूमि

यूपी में हाल के वर्षों में कई रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों को इसी तरह की “डिजिटल गिरफ्तारी” और “बैंक लिंक” की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है:

भोपाल: एक रिटायर्ड डीएसपी लिंक क्लिक के बाद बड़ा वित्तीय नुकसान से बचा; बैंक खाता होल्ड किया गया।

बांदा: फर्जी निवेश कंपनी फँस हो गया, जिसमें एक रिटायर्ड ओएसडी को ₹50 लाख तक ठगा गया

सुरक्षा की बड़ी चेतावनी

ये घटनाएँ एक स्पष्ट चेतावनी देती हैं कि वृद्ध नागरिकों के लिए साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्कता अनिवार्य है।

किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें।

सरकारी या बैंक अधिकारी कभी भी लिंक के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगते।

डिजिटल संदेह के मामले में तुरंत अधिकारियों से संपर्क और शिकायत दर्ज करें।

विश्लेषण और सबक

ठग उच्च तकनीक और डर फैलाकर, जैसे “डिजिटल गिरफ्तारी” के माध्यम से पीड़ित को मानसिक रूप से दबाव में लाते हैं।

पीड़ितों को अब साइबर जागरूकता और समर्थन देने के लिए सरकारी कार्यक्रम की आवश्यकता है।

अलीगढ़ में रिटायर्ड डीएसपी से ₹50 लाख की साइबर ठगी ने प्रमुख सुरक्षा चूक को उजागर किया है। जुर्म पर त्वरित कार्रवाई ज़रूरी है, लेकिन इससे भी ज़रूरी है डिजिटल जागरूकता और सुरक्षा शिक्षा। इससे ही भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सकेगा।

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