शिक्षक दिवस पर ऊर्जा फाउंडेशन की पहल

 

आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर ऊर्जा फाउंडेशन के द्वारा ट्री एडॉप्शन कैंपेन का आयोजन, नेहरू पार्क, चाणक्य पुरी दिल्ली में किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत, नई दिल्ली म्यूनिसिपल कॉउन्सिल के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, आइसलैंड के राजदूत गुडनी ब्रेगसन, आईजी फॉरेस्ट (पर्यावरण मंत्रालय) सुनिश बक्शी, जॉइंट डायरेक्टर गृह मंत्रालय, भारत सरकार जगमोहन, वरिष्ठ पत्रकार, एबीपी न्यूज़ एंकर विकास भदौरिया, चेयरमैन आईआईबीए
प्रसून दिवान
कंट्री एडवाइजर, इंडो पैसिफिक एंड एक्सचेंज, यूएसए दूतावास) जेपी दास
सीईओ न्यूज़नशा विनीता यादव
और ऊर्जा फाउंडेशन की टीम के सभी सदस्य भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों ने पेड़ और पर्यावरण सम्बंधित विषय पर सबका ध्यान आकर्षित कराया। त्रिवेंद्र जी ने बताया कि कैसे पेड़ हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और किस प्रकार से हम वातावरण को हानि पहुंचा रहे हैं। साथ ही ये भी साझा किया कि कैसे उन्होंने उत्तराखंड में हज़ारों लाखों पेड़ पौधे लगाने का बीड़ा उठाया और लोगों में किस तरह पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। सतीश जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि एनडीएमसी के उपाध्यक्ष बनने के बाद यह उनका पहला कार्यक्रम है जो कि पर्यावरण से संबंधित है और उन्होंने ऊर्जा फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी शुरुआत है जितना हम लोगों को जागरूक कर पाएँगे उतना ही पर्यावरण बेहतर होगा। तो वहीं गुडनी ब्रैगसन ने कार्बन उत्सर्जन और पिघलते हुए हिमखंडों को बचाने की कवायद
और खतरे पर ज़ोर देते हुए कहा कि पृथ्वी को बचाने का ज़िम्मा पूरी दुनिया के हर नागरिक का है चाहें वो आइसलैंड में हो या भारत में या दुनिया के किसी भी कोने में सबको इस प्रयास में अपनी भागीदारी निभानी होगी तभी दुनिया में कोई बदलाव लाया जा सकता है। जेपी दास जगमोहन सुनिश बक्शी और प्रसून दीवान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किस प्रकार हम अपने बच्चों को और आगे आने वाली पीढ़ियों को पेड़ पौधों का महत्त्व बताएं साथ ही ऊर्जा फाउंडेशन की भी सराहना की और कहा कि संस्था की इस पहल से युवाओं में जागरूकता आएगी।

जीवन और पेड़ के महत्व पर भी वक्ताओं ने अपना वक्तव्य रखा। ऊर्जा फाउंडेशन की संचालक दीप्ति रावत भारद्वाज के साथ सभी उपस्थित अतिथियों ने पौधरोपण कर उसके संरक्षण का भी संकल्प लिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्था ऊर्जा फाउंडेशन और संस्थापक दीप्ति रावत ने लोगों को जागरूक करने की मुहिम की शुरुआत भी की है। दीप्ति ने बताया की भारतीय संस्कृति अनंत काल से ही पर्यावरण को सँजोती आई है उत्तराखंड का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार से हरेला पर्व जो कि पेड़ लगाने और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए मनाया जाता है। इस पर्व में घर के सभी बच्चे और बड़े एक साथ वृक्षारोपण करते हैं। दीप्ति ने अपने वक्तव्य में कहा कि एक पौधे को लगाना और उसकी देखभाल करना दस बच्चों की परवरिश के बराबर है। विनीता ने ऊर्जा फाउंडेशन को बधाई दी और आग्रह भी किया कि आगे भी इस तरह के सफ़ल कार्यक्रमों से सबका मनोबल बढ़ाए और प्रकृति के लिए अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं।

तो वहीं विकास भदौरिया ने अपने जीवन से जुड़ी बात बताते हुए कहा कि उन्होंने बचपन में एक पौधा लगाया था जो अब एक विशाल व्रक्ष बन चुका है अब जब कभी वो अपने बच्चों के साथ गाँव जाते हैं तो उस पेड़ के फल खाते हैं और यही वो अपने बच्चों को भी सिखाना चाहते हैं
इससे पहले भी यह संस्था समाजिक सरोकार और महिला सशक्तिकरण से सम्बंधित अनेक क्षेत्रों में भी काम कर चुकी है।

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