यूपी में ज़मीन-मकान खरीदना होगा और महंगा, 10 साल बाद बदला डीएम सर्किल रेट, जानिए कितने % तक बढ़ेंगे दाम

उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत पूरे राज्य में अब ज़मीन, मकान और दुकान खरीदना आम लोगों की जेब पर और भारी पड़ेगा। प्रशासन ने करीब एक दशक बाद नया डीएम सर्किल रेट (Circle Rate) जारी किया है, जिसे 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। इस कदम से रियल एस्टेट बाजार में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

10 साल बाद आया बड़ा बदलाव

जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा 2015 के बाद पहली बार डीएम सर्किल रेट में संशोधन किया गया है। बीते एक दशक में प्रदेश में तेजी से शहरीकरण और विकास कार्य हुए हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए अब नई दरें तय की गई हैं। प्रस्तावित नए रेट में कृषि भूमि, व्यावसायिक भूखंड, बहुमंजिला इमारतों और दुकानों पर अलग-अलग प्रतिशत में बढ़ोतरी की गई है।

इतनी हुई बढ़ोतरी: 15% से 40% तक

  • प्रस्तावित नए डीएम सर्किल रेट के अनुसार:
  • कृषि भूमि पर 15%
  • व्यावसायिक संपत्तियों पर 25%
  • बहुमंजिला भवनों पर 20%
  • दुकान, कार्यालय व गोदामों पर औसतन 20% बढ़ोतरी की गई है।

वहीं, जिन क्षेत्रों में पहले दरें तुलनात्मक रूप से कम थीं, वहां इस बार विसंगति दूर करते हुए रेट्स में 40% तक की वृद्धि की गई है। इसका उद्देश्य सभी क्षेत्रों में समानता लाना है।

गैर कृषि भूमि की दरें भी बढ़ीं

नई व्यवस्था के अंतर्गत यदि किसी गैर कृषि भूखंड की सीमाओं के आसपास व्यवसायिक गतिविधियां (जैसे दुकान, गोदाम) हैं, तो ऐसे भूखंडों की कीमतों में 20% की अतिरिक्त वृद्धि की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति ऐसी भूमि को बेचता है, तो मूल्यांकन तय गैर कृषि दर से 50% ज्यादा किया जाएगा। यह व्यवस्था रियल एस्टेट लेन-देन में पारदर्शिता और उचित कर निर्धारण में मदद करेगी।

कृषि भूमि में वृक्षों की दरें यथावत

नई दरों में हालांकि कृषि भूमि पर स्थित फलदार या बिना फलदार वृक्षों की वर्तमान दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले जैसी दरें ही लागू रहेंगी। इससे स्पष्ट है कि सरकार का उद्देश्य केवल रियल एस्टेट और शहरी विकास क्षेत्रों में सुधार लाना है।

आपत्ति और सुझाव दर्ज कराने की समयसीमा

प्रशासन ने जनता को मौका दिया है कि वे 2 जुलाई से 17 जुलाई तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। यह आपत्तियां सभी उपनिबंधक कार्यालयों और सहायक महानिरीक्षक निबंधन कार्यालयों में दर्ज कराई जा सकती हैं। इनका निस्तारण 27 जुलाई तक किया जाएगा। सुझाव या आपत्तियां ई-मेल अथवा संबंधित अफसर के कार्यालय में जाकर भी दर्ज कराई जा सकती हैं।

डीएम का बयान

लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी का कहना है कि पिछले दशक में लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में तीव्र विकास हुआ है। सड़कों का चौड़ीकरण, नई सेगमेंट रोड्स और व्यावसायिक विस्तार के चलते डीएम सर्किल रेट में बदलाव अपरिहार्य था। यह नया संशोधन विकास की गति को सही दिशा देने और सरकारी राजस्व में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से किया गया है।

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