यूपी : पराली व फसलों के अवशेष जलाने पर कार्यवाही के विरोध में युवा किसान, नेताओं ने दी चेतावनी

कैराना पराली व फसलों के अवशेष जलाने पर प्रशासन द्वारा किसानों के खिलाफ कार्यवाही करने पर युवा किसान नेताओं ने तहसीलों में पात्ती व फसलों के अवशेष भरने की चेतावनी दी हैं।

दरअसल आपको बता दे मामला कैराना का है सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों के अनुसार खेतों में फसलों के अवशेष व पराली जलाने पर प्रतिबंध हैं। प्रशासन द्वारा किसानों को खेतों में पराली व फसलों के अवशेष न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा हैं। वहीं अगर कोई किसान अपने खेत पर फसलों के अवशेष जलाता हैं तो उसके खिलाफ प्रशासन द्वारा जुर्माने की कार्यवाही की चेतावनी भी दी जा रही हैं। युवा किसान नेता राजन जावला के नेतृत्व में आधा दर्जन किसानों ने तहसील में पहुंचे। युवा किसान नेताओं ने तहसील में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तहसीलदार प्रवीण कुमार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया गया हैं कि प्रदेश में धान किसान व गन्ना किसानों पर धान की पराली व गन्ने की पात्ती को फूंकने पर प्रशासन मुकदमे लिखकर शोषण कर रहा हैं और मनमाने तरीके से अवैध वसूली भी बढ़ रही हैं। युवा किसान नेताओं ने सरकार से मांग की हैं कि ऐसे काले कानून को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाएं। अन्यथा सभी किसान तहसीलों में पात्ती भरने पर मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। युवा किसान नेता राजन जावला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में किया जाएं लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों को फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए यंत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहें। राज्य सरकार किसानों के साथ दोहरी नीति अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा किसानों के खिलाफ कार्यवाही की जाती हैं तो वें तहसीलो व थानों में पात्ती भर देंगे। इस दौरान जहांगीर, बलकार सिंह, नसीम, बलवंत सिंह, विक्की व हरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहें।

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