UP Police में रीलबाज़ों की अब खैर नहीं ! ADG का नया फरमान.. पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप !

उत्तर प्रदेश पुलिस में नव नियुक्त आरक्षियों के लिए सख्त निर्देश जारी हुए हैं। सोशल मीडिया पर अनियंत्रित गतिविधियों को लेकर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बड़ा आदेश जारी किया है। अब ट्रेनिंग के दौरान फोटो, वीडियो या किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती गतिविधियों से चिंतित हुआ पुलिस विभाग
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर नए आरक्षियों की गतिविधियों को गंभीरता से लिया है। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद कई नव चयनित युवाओं ने ट्रेनिंग से जुड़ी पोस्ट, रील्स और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए, जिससे विभाग की गोपनीयता और अनुशासन पर सवाल उठने लगे। इसी पृष्ठभूमि में, अब इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त गाइडलाइन लागू कर दी गई है।
60 हजार से अधिक पदों पर हुई नियुक्ति, ट्रेनिंग शुरू
राज्य में हाल ही में 60,000 से अधिक पुलिस आरक्षियों की नियुक्ति की गई है। ये सभी युवा अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रेनिंग के लिए रिपोर्ट कर रहे हैं। नियुक्ति प्रक्रिया के बाद कई अभ्यर्थियों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खुशी जाहिर करते हुए ट्रेनिंग स्थानों और गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां साझा की थीं। इसी को देखते हुए विभाग ने गोपनीयता को सुरक्षित रखने और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।
ADG अमिताभ यश ने सभी SP और SSP को जारी किया पत्र
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने इस संबंध में एक पत्र प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SP), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) और पुलिस आयुक्तों को भेजा है। इसमें साफ कहा गया है कि आरक्षियों को किसी भी स्थिति में अपनी ट्रेनिंग से जुड़ी कोई भी सामग्री—फोटो, वीडियो या जानकारी—सोशल मीडिया पर साझा नहीं करनी है। साथ ही, विभाग की गोपनीयता नीति, नियमों और शर्तों का पालन अनिवार्य होगा।
गोपनीयता भंग और कानून-व्यवस्था पर असर की आशंका
विभाग का मानना है कि इस तरह की पोस्ट न सिर्फ अनुशासनहीनता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा पर भी खतरा पैदा कर सकती हैं। ट्रेनिंग से जुड़े वीडियो और जानकारियों से संवेदनशील सूचनाएं लीक हो सकती हैं, जिससे विभाग की छवि और ऑपरेशनल सिक्योरिटी पर सीधा असर पड़ता है।
गंभीर उल्लंघन पर नियुक्ति रद्द करने की चेतावनी
एडीजी अमिताभ यश ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई भी नव नियुक्त आरक्षी इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें नियुक्ति रद्द करने जैसे कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं।
पहले भी जारी हो चुकी है सोशल मीडिया गाइडलाइन
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में सोशल मीडिया प्रयोग को लेकर पहले भी गाइडलाइन बनाई गई थी। यह दिशा-निर्देश 5 मई 2023 को जारी हुए थे और 2 अगस्त 2023 से प्रभाव में आ गए थे। अब नव नियुक्त आरक्षियों को इन नियमों की जानकारी ट्रेनिंग के दौरान ही दी जा रही है ताकि भविष्य में वे कोई चूक न करें।
नियम पालन के लिए विशेष निगरानी के आदेश
एडीजी कार्यालय ने सभी जिला पुलिस अधिकारियों को गाइडलाइन के सख्त अनुपालन की निगरानी रखने के निर्देश भी जारी किए हैं। यह कदम पुलिस विभाग की पेशेवर छवि और अनुशासित कार्यसंस्कृति बनाए रखने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।