जिन्हें ब्राह्मणों ने पीटा, उन्हीं कथावाचकों से Akhilesh Yadav ने करवाई कथा! फिर मंच से कर दिया बड़ा एलान

उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के दादरपुर गांव में भागवत कथा पढ़ने गए यादव कथावाचक पर कथित रूप से ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने जातीय आधार पर हमला किया। पीड़ितों की बेइज्जती, मारपीट और धार्मिक अपमान का वीडियो सामने आते ही राजनीतिक हलकों में उबाल आ गया। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे वर्चस्ववादी सोच का घिनौना उदाहरण बताते हुए लखनऊ में पीड़ितों को बुलाकर समर्थन जताया।

कथा कहने गए, जात पूछी गई और चोटी काट दी गई

22 जून की इस घटना में कथावाचक मुकुट मणि सिंह और उनके साथियों को कथित रूप से गांववालों ने पीटा, चोटी काट दी, सिर मुंडवा दिया और एक महिला से जबरन पैर पर नाक रगड़वाई। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि कथावाचक यादव समुदाय से आते थे और ब्राह्मण-बहुल गांव में कथा कर रहे थे।

वीडियो वायरल होने के बाद एफआईआर, 4 गिरफ्तार

सोमवार को पीड़ित सपा सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ SSP से मिलने पहुंचे। पुलिस ने अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर नामक आरोपियों सहित 50 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की। अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

अखिलेश यादव ने जताया समर्थन, दिया आर्थिक सहयोग

अखिलेश यादव ने कथावाचकों को लखनऊ बुलाकर ढोलक, हारमोनियम गिफ्ट किए और ₹21,000-₹21,000 की सहायता दी। साथ ही ₹51,000 की मदद का भी वादा किया। उन्होंने कहा, “जिन्होंने पीटा, उन्हीं से कथा भी करवाई। अब सवाल है कि उन्हें इतनी ताकत कहां से मिल रही है?”

वर्चस्ववादी सोच पर अखिलेश का हमला

अखिलेश ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कथावाचन पर एकाधिकार रखने वाले वर्चस्ववादी लोग अब हद पार कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “अगर सिर्फ एक जाति को कथा पढ़ने का हक़ है तो सरकार कानून बना दे। अन्यथा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को अपमानित करना बंद करें।”

अमित शाह पर तंज

अखिलेश ने वाराणसी में अमित शाह की ‘दंड से नज़र उतारने’ की घटना पर भी तंज कसा। कहा कि “जब अस्पतालों में लोग बिजली कटने से मर रहे हैं, तब आप अपनी नज़र उतरवा रहे हैं। यही है सरकार की संवेदनहीनता।”

संविधान को किया जा रहा नजरअंदाज

अखिलेश ने कहा कि भाजपा की सरकार PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग पर लगातार अत्याचार कर रही है। “पाल समाज की बेटी के साथ अन्याय हुआ, पिता को जेल भेजा गया, इनाम घोषित हुआ। ये घटनाएं संविधान की भावना को ठेस पहुंचा रही हैं।”

अखिलेश का बड़ा आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी सरकार सिर्फ 2500 लोगों के हाथ में केंद्रित है। सुल्तानपुर, महोबा, एटा और अम्बेडकर नगर जैसी जगहों पर दलितों और पिछड़ों के साथ हो रहे अत्याचारों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार लोगों को डराने और दबाने में जुटी है।

 

 

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