क्या आप बनाने जा रहे हैं घर ? यूपी में नए नियम लागू, बिना जानें शुरू किया निर्माण तो होगा भारी नुकसान!

उत्तर प्रदेश में घर बनाने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के माध्यम से भवन निर्माण से जुड़े शुल्कों में व्यापक संशोधन की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य शहरी विकास प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना और महंगाई के अनुरूप शुल्क संरचना को अद्यतन करना है। यह बदलाव भवन निर्माण की लागत को प्रभावित कर सकता है, इसलिए आवश्यक है कि आप इन प्रस्तावित शुल्कों की जानकारी रखें।
विकास शुल्क
नक्शा पास कराने के लिए अब 10,000 से 30,000 रुपये तक का विकास शुल्क देना होगा। यह शुल्क भूमि के आकार के आधार पर निर्धारित किया जाएगा इसके अतिरिक्त, भवन परमिट शुल्क भी लागू होगा, जो निर्माण के प्रकार और क्षेत्रफल पर निर्भर करेगाI
प्रभाव शुल्क
यह शुल्क निर्माण से शहरी बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर लिया जाएगा। इसकी गणना भूखंड के क्षेत्रफल, सर्किल रेट और उपयोग के प्रकार के आधार पर की जाएगी। उदाहरण के लिए, आवासीय उपयोग के लिए गुणांक 0.25, वाणिज्यिक उपयोग के लिए 1.50 तक हो सकता है।
नगरीय उपयोग प्रभार
यदि मास्टर प्लान में भू-उपयोग में परिवर्तन होता है, जैसे कृषि भूमि का आवासीय या वाणिज्यिक उपयोग में परिवर्तन, तो संबंधित भूखंड मालिकों से नगरीय उपयोग प्रभार शुल्क वसूला जाएगा। यह प्रावधान अनियमित निर्माणों को नियमित करने और विकास प्राधिकरणों की आय बढ़ाने के लिए किया गया है।धा शुल्क मेट्रो, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), स्टेडियम, रिवर फ्रंट डवलपमेंट जैसी विशेष सुविधाओं से युक्त क्षेत्रों में स्थित भूमि पर नक्शा पास कराते समय यह शुल्क देना होगा। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना है।
क्रय योग्य एफएआर शुल्क
यदि कोई डेवलपर निर्धारित एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) से अधिक निर्माण करना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त एफएआर खरीदने के लिए शुल्क देना होगा। यह शुल्क परियोजना की मंजूरी से पहले पूर्ण रूप से अदा करना अनिवार्य होगा।
म्यूटेशन शुल्क
संपत्ति के स्वामित्व में परिवर्तन (दाखिल खारिज) के लिए अब अधिकतम 10,000 रुपये तक का शुल्क निर्धारित किया गया है। यह शुल्क संपत्ति के मूल्य के आधार पर तय किया जाएगाI
अंबार शुल्क
निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न मलबे के निस्तारण के लिए अंबार शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क निर्माण स्थल से मलबे के हटाने और उसके उचित निपटान की लागत को कवर करेगा।
शेल्टर शुल्क
शहरी गरीबों के लिए आश्रय सुविधाओं के विकास हेतु शेल्टर शुल्क वसूला जाएगा। यह शुल्क विशेष रूप से बड़े वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं पर लागू होगा।
निरीक्षण शुल्क
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और मानकों की जांच के लिए निरीक्षण शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क प्रति वर्ग मीटर के आधार पर निर्धारित किया जाएगाI निर्माण सामग्री की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है, जिससे घर बनाना और महंगा हो गया हैI
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित ये शुल्क शहरी विकास को सुदृढ़ करने और विकास प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं। हालांकि, इनसे भवन निर्माण की लागत में वृद्धि होना तय है। इसलिए, यदि आप घर बनाने की योजना बना रहे हैं, तो इन प्रस्तावित शुल्कों की जानकारी रखना और अपने बजट की योजना बनाना आवश्यक है।