फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर से नौकरी जॉइन करने पहुंची महिला, ₹1.42 लाख का झटका! वजह कर देगी हैरान

जब एक महिला कृषि विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ नौकरी ज्वाइन करने पहुंची, तो सामने आया कि उसके साथ 1.42 लाख रुपये की ठगी की गई है। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर का खुलासा

महिला ने दावा किया कि उसे कृषि विभाग से नौकरी के लिए नियुक्त किया गया था। नौकरी शुरू करने पहुंचने पर पता चला कि न तो विभागीय अधिकारी मिले और न ही कोई जांच प्रक्रिया हुई। इस तरह फर्जी नियुक्ति पत्र की पोल खुल गई।

1.42 लाख रुपये की ठगी, आरोपी किए गए गिरफ्तार

राशि की मांग के बाद पैसे एस्कॉर्ट के नाम पर या अन्य बहाने से लिया गया। पीड़ित ने ₹1.42 लाख रुपये मौके पर ही डकैती के तहत खोए होने का दावा किया और पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान कुछ संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाना प्रभारी ने पुलिस टीम गठित कर तीव्र जांच शुरू कर दी। पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र (IPC सेक्शन 420, 406) के तहत मामला दर्ज किया है।

फर्जी नियुक्तियों का बढ़ता खेल

UP में सरकारी विभागों की जॉब स्कीम की आड़ में फर्जी नियुक्तियों की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। इसमें बेरोजगार महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। भ्रष्ट तंत्र और ठग मिलकर इस धांधली को अंजाम देते हैं। इससे न केवल आर्थिक नुकसान, बल्कि पीड़ित की आत्मावलोकन व समाज में विश्वास भी प्रभावित होता है।

जांच की दिशा और आगे की रणनीति

पुलिस अब नियुक्ति पत्र जारी करने वाले दफ्तरों का वास्तविक पता, डाक-लोगों और संदिग्धों की भूमिका, और राशि के लेन-देन के स्रोत की पड़ताल कर रही है। जांच टीम बैंक रिकॉर्ड, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और मेल ट्रैफिक पर नजर रख रही है। आवश्यकतानुसार कॉल रिकॉर्ड और कस्टडी में लिए गए आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है।

बेरोजगारों को फिर से विश्वास दिलाने की जरूरत

यह घटना बेरोजगारों के भरोसे को चोट पहुंचाती है। सरकारी विभागों को चाहिए कि वे नियुक्ति प्रक्रियाओं को डिजिटल और ट्रांसपेरेंट बनाएं। जागरूकता अभियान और स्पष्टीकरण प्लेटफॉर्म उपयोग में लाए जाएं। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी ठगी की घटनाएं दोबारा न हों।

 

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