आज है गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि जानिए कैसे करे पूजा

आज से गुप्त नवरात्रि का समापन हो रहा है। गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को महानवमी भी कहा जाता है। इस साल गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हुए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है। जानिए गुप्त नवरात्रि आखिरी दिन मां दुर्गा की कैसे करें पूजा और व्रत नियम-

गुप्त नवरात्रि में प्रयोग में आने वाली सामग्री-

मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि।

मां दुर्गा की गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा-

स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
ऊपर बताई गई पूजा सामग्री को एकत्रित करें।
पूजा का थाल सजाएं।
मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है।
सरसों के तेल से दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें।
आखिरी दिन दुर्गा के पूजा के बाद घट विसर्जन करें।

-गुप्त नवरात्रि के दौरान दिन मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
– मां दर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए। जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
-नवरात्रि के दिनों में घर में कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है।
-नवरात्रि में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए। नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
– नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए और ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते पहनने चाहिए।
– मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए।
– नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए।
-घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए।

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