शर्मनाक! लॉ कॉलेज गैंगरेप पर आपस में भिड़े TMC नेता, ट्वीट्स में खुले निजी राज! एक बोले : ‘तुम खुद घर तोड़ने वाली हो

25 जून को कोलकाता के साउथ कॉलेज लॉ कॉलेज में एक छात्रा का कथित रूप से गैंगरेप हुआ। घटना सामने आने पर बंगाल सरकार और जांच एजेंसियों पर फोकस तेज हो गया है, वहीं राजनैतिक दल इसको लेकर खुलकर पक्ष-विपक्ष में भिड़ गए हैं। BJP ने भी इस मामले का फायदा उठाते हुए CM ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है।

मदन मित्रा-बनर्जी की टिप्पणियाँ

मदन मित्रा ने दावा किया कि यदि छात्रा कॉलेज खुला न होने पर वहाँ नहीं जाती तो यह हादसा नहीं होता—जिसे “विक्टिम ब्लेमिंग” कहा जा रहा है।

कल्याण बनर्जी ने कहा, “अगर दोस्त ही दोस्त को रेप कर सकता है तो पुलिस कैसे करेगी सुरक्षा?” आगे वह महुआ मोइत्रा द्वारा की गई नारी-विरोधी टिप्पणियों की आलोचना में बोल पड़े कि पार्टी अपराधियों को बचा रही है ।

TMC की दूरी और कार्रवाई

TMC ने दोनों नेताओं की टिप्पणियों को “व्यक्तिगत” बताया और उनसे एक साफ़ दूरी बनाई—मदन मित्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और कल्याण बनर्जी को सार्वजनिक रूप से फटकार लगायी गई। पार्टी ने स्पष्ट किया की ऐसे बयान उसकी आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाते ।

महुआ मोइत्रा का प्रहार

महुआ मोइत्रा ने ‘misogyny’ शब्द का प्रयोग करके इन टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की और कहा कि “Misogyny cuts across party lines”, अर्थात् किसी एक दल का मुद्दा नहीं है—और सही पार्टी वही है जो ऐसे बयानों पर आचरण करता है।

मोइत्रा बनाम बनर्जी

महुआ के ट्वीट के बाद कल्याण बनर्जी ने ‘हनीमून’ टिप्पणी छोड़ते हुए मोइत्रा पर व्यक्तिगत हमला कर दिया—उनके विवाह और पारिवारिक मामलों को लेकर सवाल खड़े किए। इसके बाद मोइत्रा ने भी ‘डिसगस्टिंग कोट्स’ कहकर पलटवार किया।

विपक्ष और लोक प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद का लाभ BJP और अन्य विपक्षी दल उठा रहे हैं। BJP ने ममता से माफी और इस्तीफा की मांग की है और ‘कन्या सुरक्षा यात्रा’ निकाली है। विपक्षी दलों ने मशाल जुलूस की तरह विरोध-प्रदर्शन किया।

SIT जांच और आगे का प्रोसेस

पुलिस ने इस मामले की गहन जांच के लिए SIT का गठन किया है और इसमें अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही CCTV फुटेज मामले में छात्रा की बात की पुष्टि करता नज़र आ रहा है । पार्टी की इस फूट ने जांच प्रक्रिया और एजेंसी की निष्पक्षता पर संदेह पैदा किया है।

पार्टी की अंतरंग विफलता

यह घटना सिर्फ अपराध की एक दुखद घटना नहीं, बल्कि TMC के भीतर की अंतरद्वंद्विता को भी उजागर करती है। महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर नाजुक संतुलन बनाये रखना कोई आसान काम नहीं—और पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट संदेश है कि इससे जनविश्वास पर गहरा असर पड़ेगा।

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