बंगाल में बुरी हार पर BJP का मंथन: ताकि एंटी-TMC वोट बंट जाएं

रणनीति के तहत CPM, कांग्रेस को मजबूत कर रहीं ममता,

पश्चिम बंगाल की जिन चार सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें से तीन सीटें ऐसी हैं, जिनमें BJP की जमानत ही जब्त हो गई। अब पार्टी के भीतर इस हार पर मंथन चल रहा है। इसमें सबसे बड़ी बात ये निकलकर आई है कि, ममता बनर्जी की पार्टी TMC एक तय रणनीति के तहत CPM और कांग्रेस को बंगाल में मजबूत कर रही है। ताकि एंटी TMC वोट BJP, CPM और कांग्रेस में बंट सकें। इसका सीधा फायदा TMC को मिलेगा। ​​​​​

उपचुनाव के नतीजों में ये देखने में भी आया कि इस बार CPM का वोट बैंक पहले से बढ़ गया है। पहले जो वोट बैंक 4 परसेंट पर पहुंच गया था, वो एक बार फिर 16 परसेंट तक पहुंच गया है। ऐसे में अब BJP के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है।

रविवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है। इसमें देशभर के करीब 600 पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। कुछ फिजिकली मौजूद रहेंगे तो कुछ ऑनलाइन शामिल होंगे। बीजेपी बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बताया कि, उपचुनाव के नतीजों को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कोई बात नहीं होगी।

अभी पश्चिम बंगाल में नए संगठन की घोषणा होना भी बाकी है। जल्द ही ये पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। हमारा मकसद जनता को ये समझाना है कि, TMC उन्हें डिपेंडेंट बना रही है। और हम उन्हें मजबूत बनाना चाहते हैं।

बंगाल में TMC का साइलेंट टेरर इसलिए लोगों ने वोट नहीं दिए

बंगाल BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार कहते हैं कि, बंगाल में TMC का बहुत भयंकर साइलेंट टेरर है। हालात ये हैं कि, किसी एक वार्ड में यदि BJP को लीड मिल जाए तो वहां फिर कुछ काम नहीं होगा।

लोगों के घर गुंडे पहुंच जाएंगे, इसलिए इस उपचुनाव में कोई भी रूलिंग पार्टी से पंगा लेना नहीं चाहता था। जब सत्ता परिवर्तन की बात आती है तो लोगा खुलकर वोटिंग करते हैं। 2024 में बड़े चुनाव हैं, तब ये देखने को मिलेगा।

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार कहते हैं कि बंगाल में डर के चलते लोगों ने टीएमसी को वोट दिया।

मजूमदार कहते हैं, TMC अब सीपीएम और कांग्रेस को मजबूत कर रही है। उनके ऑफिस बनाए जा रहे हैं। उनके कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि, तुम भी अपनी पार्टी के लिए काम करो। ऐसा करके वे एंटी TMC वोटों को बांटना चाहते हैं। वे जानते हैं कि अब BJP ही मुख्य विपक्षी पार्टी है, ऐसे में वोटों को बांटना जरूरी है।

BJP सांसदों-विधायकों के TMC से संपर्क में होने पर कहते हैं, चुने हुए प्रतिनिधि को तोड़ने की परंपरा बंगाल में TMC ने ही शुरू की है। वे ऐसा करके विपक्ष को कमजोर करना चाहते हैं। लेकिन BJP इतनी बड़ी पार्टी है कि, इसमें कुछ लोगों के आने-जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

चुनाव के पहले बहुत लोग आए भी थे, और कई जा भी रहे हैं। जो जनता के लिए काम करने के मकसद से आया था, वो टिका है। प्रदेश अध्यक्ष मजूमदार कहते हैं, उपचुनाव के नतीजे हिंसा का परिणाम हैं और कुछ नहीं।

केंद्रीय मंत्री वाली सीट भी नहीं बचा सकी BJP

उपचुनाव में BJP केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक वाली सीट दिनहाटा भी बुरी तरह से हारी। जबकि यहां खुद प्रमाणिक कैंपेन संभाल रहे थे। बाकी की तीन सीटों पर भी हार का बहुत बड़ा अंतर रहा। ऐसे में बंगाली में पार्टी की उम्मीदों को झटका लगा है।

अब BJP 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसी भी हाल में अच्छा परफॉर्म करना चाहती है, इसलिए अभी से संगठन को मजबूत बनाने पर काम शुरू कर दिया गया है।

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