तिकुनिया हिंसा कांड: इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा मंत्री ने धमकी न दी होती तो लखीमपुर खीरी कांड नहीं होता

कोर्ट ने कहा कि उच्च राजनीतिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए

लखनऊ. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा कांड की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गैर जिम्मेदाराना रवैये को लेकर कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री ने अगर धमकी वाला कथित बयान न दिया होता तो यह घटना ही नहीं हुई होती. कोर्ट ने कहा कि उच्च राजनीतिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कथित बयान से यह घटना हुई

तिकुनिया हिंसा कांड बता दे कि कोर्ट ने  जवाबी हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि यदि केंद्रीय राज्य मंत्री ने कथित बयान न दिया होता तो यह घटना ही न हुई होती. चार्जशीट का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि किसान तो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की इस मामले को लेकर आलोचना की. कोर्ट ने कहा कि हमें यह विश्वास नहीं है कि उप मुख्यमंत्री को उस क्षेत्र में धारा 144 के लागू होने की जानकारी न हो. धारा 144 लागू होने के बावजूद कुश्ती का आयोजन किया गया और केंद्रीय राज्य मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री ने उक्त आयोजन में जाने का निर्णय लिया.

इन चार आरोपियों की जमानत ख़ारिज

लखनऊ बेंच में ही सोमवार को न्यायाधीश डीके सिंह ने इस मामले के अन्य आरोपी लव कुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत नहीं मिल पाई. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस कृष्ण पहल की कोर्ट में अब 25 मई को मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. कोर्ट ने 25 मई तक इस याचिका पर सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

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