ये है मजदूरी करने वाले पहलवान जिसने जीता रजत

अपने घर की जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी करने वाले मध्य प्रदेश के पहलवान सन्नी जाधव ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय सीनियर ग्रीको रोमन कुश्ती चैंपियनशिप पहले ही दिन शनिवार को रजत पदक जीत लिया। चैंपियनशिप में विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक पहलवानों हिस्सा ले रहे हैं।
60 किलोग्राम के मुकाबलों में मध्यप्रदेश के सन्नी जाधव ने रजत पदक हासिल किया। उन्होंने सेमीफाइनल में कामनवेल्थ व पूर्व नेशनल चैंपियन सेना के ज्ञानेंद्र को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हरा कर फ़ाइनल में जगह बनायी जहां वह रेलवे के मनीष कुमार से पराजित हो गए। सन्नी जाधव मल्हाराश्रम इंदौर के कुश्ती केंद्र में भारतीय खेल प्राधिकरण के कुश्ती कोच व विश्वामित्र पुरस्कार से सम्मानित वेद प्रकाश जावला, सर्वर मंसूरी और अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई से ट्रेनिंग लेते हैं ।
कुछ दिन पहले ही खेल मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के पहलवान सन्नी जाधव को 2.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी थी जो अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी करते मिले थे। जाधव को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खिलाड़ी कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।
इससे पहले जाधव ने 2018 में राजस्थान के चित्तौड़ में अंडर 23 जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप और 2020 में भुवनेश्वर में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 60 किग्रा ग्रीको रोमन वर्ग में रजत पदक जीता था। पिछले कुछ वर्षो से उसे कुश्ती का अपना अभ्यास जारी रखने के लिए दूसरों की गाड़ी धोने जैसे काम करने पड़ रहे थे।
कड़ी मेहनत के बावजूद वह अपनी खुराक का पैसा नहीं जुटा पा रहे थे और अभ्यास जारी रखने के लिए उन्हें ऋण लेना पड़ रहा था। सन्नी जाधव के पिता का 2017 में ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था जिसके बाद से उनकी माली हालत बिगड़ गई। दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खिलाड़ी कल्याण कोष से खिलाड़ियों को अभ्यास, उपकरण खरीदने, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल टूर्नामेंटों में भागीदारी के लिए सहायता मिलती है।
सहायता मिलने के कुछ दिन ही बात सन्नी जाधव का हौसला इस कदर बढ़ा कि उन्होंने सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में पूर्व चैंपियन ज्ञानेंद्र को हराकर रजत पदक जीत लिया। उनकी इस उपलब्धि पर उनके कोच अर्जुन पुरस्कार विजेता कृपाशंकर बिश्नोई, भारतीय खेल प्राधिकरण के कुश्ती कोच सर्वर मंसूरी और विश्वामित्र पुरस्कार वेद प्रकाश जावरा ने प्रसन्नता व्यक्त की और बधाई दी ।

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