GDP के मुकाबले 119 प्रतिशत कर्ज के चलते श्रीलंका में मचा तहलका, भारत के 90 प्रतिशत तक पहुंचे कर्ज ने बढ़ाई चिंता

श्रीलंका के बाद भारत के कर्ज ने भी बढ़ाई चिंता, जानें कैसे  

लखनऊ: श्रीलंका के हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. श्रीलंका में उर्जा व आर्थिक संकट की वजह से आम लोगों का जीवन पहले से कठिन हो गया है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि लोग देश छोड़कर पड़ोसी देश भारत में किसी तरह शरण लेने प्रयास कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)  के हालिया आंकड़ों की मानें तो 2021 में श्रीलंका में कर्ज जीडीपी का 119 प्रतिशत तक पहुंच गया जो कि साल 2019 में 94 प्रतिशत था. श्रीलंका के आर्थिक संकट ने भारत के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं. क्योंकि केंद्र सरकार की देनदारियों में पिछले 8 साल में ढाई गुना वृद्धि हुई है. देश के कई राज्यों की आर्थिक हालत भी कुछ खास अच्छी नहीं है.

अन्य राज्यों की आर्थिक हालत हैं बेकार

केंद्र की देनदारियां मार्च 2014 में 56.51 लाख करोड़ रुपये की थीं जो 2021-22 में बढ़कर 139 लाख करोड़ हो गईं. आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार भारत में कर्ज जीडीपी के मुकाबले 90.06 फीसदी तक पहुंच गया है. इसके बढ़ने के पीछे की वजह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक रूप से कमजोर स्थिति में पहुंच गया है. हाल ही में देश के शीर्ष नौकरशाहों ने पीएम मोदी के साथ मीटिंग में आगाह किया था कि अगर देश के अलग-अलग राज्यों में लोकलुभावन मुफ्त की योजनाएं चलती रहीं तो भारत का हाल श्रीलंका जैसा हो जाएगा. हालांकि आईएमएफ ने कर्ज घटाकर 85 फीसदी पर आने का अनुमान जताया है. जीडीपी के मुकाबले कर्ज के मामले में भारत भले ही श्रीलंका का पीछा करते हुए दिखाई दे रहा हो, लेकिन वास्तविकता यह भी है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर थी.

पर्यटकों की आवाजाही बंद होने से श्रीलंका का ये हुआ हाल

कोरोना काल में पर्यटकों का आना बिल्कुल बंद हो गया था. वहीं चीन ने अरबों के निवेश से श्रीलंका के दक्षिण में हंबनटोटा पोर्ट बनाया लेकिन यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया. श्रीलंका को उम्मीद थी कि इससे उसकी अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर हो जाएगी. अर्थव्यवस्था अच्छी होने के बजाए बिगड़ गई.कर्ज न चुका पाने पर श्रीलंका को यह पोर्ट अब चीन को 99 साल तक की लीज पर देना पड़ा है. वहीं भारत में अर्थव्यवस्था केवल पर्यटन पर आधारित नहीं है. देश में कृषि से लेकर मेडिकल इंडस्ट्री तक में भारत का निर्यात बढ़ रहा है. रक्षा क्षेत्र में भी हम निर्यात कर रहे हैं.

भारत के कई राज्यों पर है लाखों का कर्ज

ऐसे में अगर हम भारतीय राज्यों की बात करें तो कई राज्यों पर लाखों का कर्ज है. 53.3 प्रतिशत कर्ज के साथ पंजाब इनमें सबसे आगे है. मध्यप्रदेश की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है. यहां जीडीपी के अनुपात में 31.34 प्रतिशत कर्ज है. बजट अनुमान के मुताबिक मध्यप्रदेश पर मार्च 2022 की स्थिति में प्रदेश की कुल जीडीपी 10,26,048 करोड़ का कर्ज है. यूपी पर जीडीपी के मुकाबले 37.2 प्रतिशत का कर्ज है. वहीं पश्चिम बंगाल पर जीडीपी के मुकाबले 39.8 प्रतिशत का कर्ज है. गुजरात पर जीडीपी के अनुपात में 23 प्रतिशत का कर्ज है.

श्रीलंका में फ्यूल राशनिंग

श्रीलंका की राजपक्ष सरकार ने फ्यूल राशनिंग शुरू कर दी है. इसके तहत मोटरसाइकिलों को अधिकतम एक हजार रुपये, तिपहि.या वाहनों को 1500 रुपये और कार, वैन और जीपों के लिए 5000 रुपये का पेट्रोल-डीजल दिया जाएगा. नए नियम बसों, ट्रकों व वाणिज्यिक वाहनों पर लागू नहीं होंगे. भारत ने श्रीलंका को फ्यूल खरीदने के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दी थी जो जल्द ही खत्म होने वाली है.

 

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