Farmers Protest : पुलिस ने रोका तो किसानों ने निकाली तलवार, फिर किया ये, देखें…

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों संख्या में किसान ट्रैक्टर (Kisan Tractor Rally) लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं। पिछले दो महीनों से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसान आज 26 जनवरी के मौके पर ट्रैक्टर रैली कर रहे हैं।

इस दौरान कई जगहों से पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिल रही है। किसानों ने कई जगह बैरिकेड्स को तोड़ दिए हैं। उन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश भी की है जिसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। अपने किसान साथियों पर लाठीचार्ज होते देख एक किसान ने तलवार लेकर पुलिसवालों को दौड़ा दिया।

एनएच 24 पर अक्षरधाम मंदिर के पास पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाए थे, जहां किसानों के जत्थे ने ट्रैक्टरों के साथ बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। उन्होंने जबरन घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ दिए और जमकर पथराव और लाठीचार्ज किया गया।

पुलिस ने किसानों को वहां से भगाया जिससे गुस्साए एक किसान ने पुलिसवालों को डराने के लिए तलवार निकाल ली  और उन्हें दौड़ा दिया।

इसके बाद किसानों की ट्रैक्टर रैली दिल्ली में आ घुसी, जिसकी वजह से अधिकतर रास्तों पर जाम लग गया।  दिल्ली के मुख्य रोड जिनमें जीटीके रोड, आउटर रिंग रोड, बादली रोड, केएन काटजू मार्ग, मधुबन चौक, कंजावाला रोड, पल्ला रोड, नरेला और डीएसआईडीसी नरेला रोड पर जबरदस्त ट्रैफिक हो गया।

ताजा मिली जानकारी के अनुसार, किसान अब लाल किले तक पहुंच चुके हैं और वहां उन्होंने झंडा फहराने की कोशिश की। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि इस तरह का काम हमारे बीच के लोगों का नहीं है। इस तरह के काम किसान नहीं कर रहे हैं।

वहीँ किसानों की तरह से भी पुलिस वालों को मारने पीटने की खबरें मिल रही हैं।  पुलिस वाले जख्मी हुए हैं और उनकी वैन भी तोड़ी गई हैं। इसके अलावा, डीटीसी बसों को नुकासन पहुंचाया गया है।

वहीं, दिल्ली पुलिस जयपुर हेड क्वार्टर के पास सुरक्षा के लिए खड़ी एक पीसीआर (PCR) वैन पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया जबकि उसमें मौजूद तीन पुलिसकर्मी अपनी जान बचाई। जबकि पूर्व हेडक्वार्टर के पास लगी हुई बैरिकेडिंग को भी प्रदर्शनकारियों ने गिरा दिया और दिल्ली पुलिस की दो मिनी बस को भी तोड़ दिया।

इन घटनाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि जो लोग भी हुड़दंग मचा रहे हैं वो उनके संगठन के सदस्य नहीं हैं।

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