कमेटी ने CM धामी को सौंपी अपनी सिफारिशें और सुझाव, देवस्थानम बोर्ड क्या भंग होगा?

देहरादून. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मामले में बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है. चार धाम समेत राज्य में स्थित प्रमुख तीर्थ स्थलों के प्रबंधन आदि ज़िम्मेदारियां देखने के लिए बनाए गए इस बोर्ड को भंग किए जाने की मांग पिछले कई महीनों से की जा रही थी, जिस पर कार्रवाई करने के आश्वासन के साथ ही राज्य सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी बनाई थी, जिसकी सिफारिशों के बाद यह तय किया जाएगा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड एक्ट को जारी रखा जाए या खत्म किया जाए या इसमें किस तरह संशोधन किए जाएं.

समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक कमेटी के प्रमुख मनोहर कांत ध्यानी ने सीएम को रिपोर्ट सोमवार को सौंपी, लेकिन रिपोर्ट को लेकर ​फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया गया. इस बारे में मीडिया को कुछ नहीं बताया गया कि इस रिपोर्ट में कमेटी ने किस तरह की सिफारिशें की हैं या सुझाव दिए हैं.

ये है देवस्थानम बोर्ड का पूरा मुद्दा
साल 2019 में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक एक्ट पास करते हुए चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत राज्य के कुल 51 प्रमुख मंदिरों के मैनेजमेंट का ज़िम्मा इस बोर्ड के हवाले कर दिया था. तबसे ही चार धाम समेत सभी मंदिरों के प्रमुख पुरोहित और पंडे पुजारी वर्ग से इस एक्ट के खिलाफ आवाज़ उठ रही थी. लगातार विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद सीएम धामी ने इस एक्ट को खत्म किए जाने के संबंध में सिफारिशें देने के लिए कमेटी बनाई थी.

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