भारत और चीन के बीच ,एक बार फिर से तनाव जारी

भारत और चीन सीमा विवाद के कारण दोनों देशों में 1962 में युद्ध के मैदान में भी आमने-सामने खड़े हो चुके हैं, लेकिन अभी भी सीमा पर मौजूद कुछ इलाकों को लेकर विवाद है जो कभी-कभी तनाव की वजह बनता है।बीते महीने शुरू हुए तनाव के बीच भारत और चीन ने सीमा पर अपनी फ़ौज की तैनाती बढ़ा दी और एक-दूसरे से उनकी सेना को वापस बुलाने के लिए कहा।पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डेपसांग मैदानी क्षेत्र में डी-एस्केलेशन और विवादास्पद मुद्दों का हल तलाशने में भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता पर विफल रही। रविवार को दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच यह वार्ता हुई थी। भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की मौजूदा वार्ता से पहले दिसंबर 2022 में यह वार्ता हुई थी। कई दौर की बातचीत से सैनिकों ने एलएसी के साथ कई स्थानों से वापसी की है। लेकिन जानकारी के मुताबिक, भारत और चीन दोनों ही बॉटलनेक नामक क्षेत्र से आगे गश्त करने के लिए एक-दूसरे को रोक रहे हैं। फॉरवर्ड पोस्ट पर अभी भी बख्तरबंद गाड़ियों, तोपखाने वाने सैन्य उपकरणों के सेनाएं तैनात हैं।

हालांकि यह पहले की तरह दोनों देशों का एक संयुक्त बयान नहीं था। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने एलएसी के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर स्पष्ट और गहन चर्चा की। इस चर्चा का मूल उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन स्थापित करना था। साथ ही बातचीत का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को आगे बढ़ाना था। इसमें कहा गया है कि राज्य के नेताओं द्वारा प्रदान किए गए कमांडर स्तर की वार्ता विफल होने के बाद अब सारी उम्मीदें 27 और 28 अप्रैल को होने वाली चीनी रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी हैं।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई दशकों से चला आ रहा है। 2020 में गलवान की घटना के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए, वहीं बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भी चीनी और भारतीयों सैनिकों की झड़प हुई। सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है।

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