तहलका के तेजपाल समेत चार लोगों पर लगा करोड़ों का हर्जाना ।

फर्जी स्टिंग ऑपरेशन मामले में ।

दिल्ली: तहलका के पूर्व संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल को 22 साल पुराने स्टिंग ऑपरेशन केस में झटका लगा है।दिल्ली हाई कोर्ट ने तेजपाल और तहलका को 2 करोड़ रुपये मानहानि मुआवजे के तौर पर आर्मी अधिकारी को चुकाने का निर्देश दिया है।

तहलका के सैन्य अधिकारियों पर किए स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत मांगते दिखाया गया था।कोर्ट ने इसे फर्जी मानते हुए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।अपनी टिप्पणी में हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि पैसे से व्यक्ति की खोई हुई गरिमा और सम्मान वापस नहीं लौटाई जा सकती है।22 साल तक न्याय और अपनी प्रतिष्ठा पाने के लिए सैन्य अधिकारी को संघर्ष करना पड़ा। यौन शोषण के आरोपों के बाद तरुण तेजपाल को तहलका में अपना पद छोड़ना पड़ा था।

ऑपरेशन वेस्ट एंड के खिलाफ सैन्य अधिकारी ने किया था केसतहलका मैगजीन ने 13 मार्च, 2001 के ऑपरेशन वेस्ट एंड’ नाम से स्टिंग ऑपरेशन प्रकाशित किया था।इसमें पत्रकार अंडर कवर एजेंट बनकर सैन्य अधिकारी एमएस अहलूवालिया से मिला था। अहलूवालिया को स्टिंग में डील के बदले 10 लाख रुपये और महंगी विदेशी शराब की मांग करते देखा गया था।इस स्टिंग के सामने आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। हालांकि सैन्य अधिकारी ने इसे फर्जी करार देते हुए इसके खिलाफ कोर्ट में अपील की थी।

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