गुरु पर्व पर अल्पसंख्यकों को भारत आने के लिए ‘सुरक्षित मार्ग’ देगा तालिबान

काबुल. अफगानिस्तान में फंसे हिंदू-सिख समुदाय के लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं. इस काम में लगे संगठनों ने दावा किया है कि तालिबान ने गुरुपुरब (Gurupurab) के लिए भारत जाना चाह रहे अल्पसंख्यकों को ‘सुरक्षित रास्ता’ देने का वादा किया है. कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान में कम से कम 210 अफगान सिख और हिंदू मौजूद हैं. इनमें से कम से कम 170 वहां से निकलना चाहते हैं. जबकि, सभी की भारत (India) आने की इच्छा नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के मौके पर भारत आना चाह रहे अल्पसंख्यकों को ‘सुरक्षित रास्ता’ देने का वादा किया है. यह दावा लोगों को निकालने की कोशिशों में जुटे संगठनों ने किया है. कुछ ही दिनों पहले सिख और हिंदुओं ने काबुल एयरपोर्ट पहुंचने का असफल प्रयास किया था. यहां उन्हें एयरलिफ्ट किया जाना था, लेकिन हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए धमाके के बाद उन्हें दोबारा स्थानीय गुरुद्वारा लौटना पड़ा.

फिलहाल, अमेरिका के अफगानिस्तान से आधिकारिक रूप से बाहर निकलने के चलते यह साफ नहीं है कि लोगों को निकालकर भारत ले जाने के लिए अगली उड़ान का संचालन कम होगा. एयरपोर्ट अब तालिबान के कब्जे में है. विश्व पंजाबी संगठन के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि तालिबान के नियंत्रण के बाद गुरुद्वारा में रह रहे फंसे हुए करीब 180 अफगान सिख और हिंदू वापस अपने घर जलालाबाद, गजनी, काबुल पहुंच गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, में इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चांडक ने कहा, ‘हम बचे हुए अफगान सिख और हिंदुओं को अगले हफ्ते तक निकालने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. तालिबान ने उन्हें वैध कागजों के साथ भारत यात्रा करने की अनुमति दे दी है. प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने समूह की तरफ से अफगान सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को भारत जाने की मिली मंजूरी की जानकारी दी और मदद का भरोसा दिया.’

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