कोविड मुआवजे की मांग पर SC तल्ख, जज ने वकील को सुनाया

सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कहा- आपकी जान दूसरों से ज्यादा कीमती नहीं; ये पब्लिक इंट्रेस्ट वाली नहीं, पब्लिसिटी इंट्रेस्ट वाली याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड में मारे गए वकीलों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की याचिका पर तल्ख टिप्पणी की। याचिका दाखिल करने वाले वकील से कोर्ट ने कहा कि आपकी जान दूसरों की जान से ज्यादा कीमती नहीं है। ऐसे में हम आपको इससे अलग नहीं मान सकते। SC ने वकील पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।

SC में यह याचिका वकील प्रदीप कुमार यादव ने लगाई थी। यादव ने याचिका में कहा था कि 60 साल के कम उम्र के उन वकीलों के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए, जिनकी जान कोरोना संक्रमण के चलते या किसी अन्य वजह से गई। इस याचिका पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई की।

अदालत की 3 तल्ख टिप्पणियां

1. ऐसी याचिका रोकने के लिए कदम उठाएंगे
ये पब्लिक इंट्रेस्ट वाली याचिका नहीं, बल्कि पब्लिसिटी इंट्रेस्ट वाली याचिका है। इस पर एडवोकेट यादव ने कहा कि मैं ये याचिका वापस लेता हूं और बेहतर आधार पर अगली याचिका दाखिल करूंगा। इस पर कोर्ट ने 10 हजार का जुर्माना लगाते हुए कहा कि भविष्य में वकील इस तरह की याचिकाएं न दाखिल करें, इसके लिए हम जल्द कदम उठाएंगे।

2. बहुत सारे लोगों की जान गई, आप अपवाद नहीं
हम आपको अपवाद नहीं मान सकते हैं। कोविड की वजह से बहुत सारे लोगों की जान गई है। किसी वकील की जान दूसरों से ज्यादा कीमती नहीं हो सकती है। हम पहले ही उन सभी लोगों के लिए मुआवजे की बात कह चुके हैं, जिनकी जान कोरोना के चलते गई।

3. क्या समाज के दूसरे लोग महत्वपूर्ण नहीं हैं
क्या समाज के दूसरे लोग महत्वपूर्ण नहीं है? इस याचिका को कट-कॉपी-पेस्ट के तरीके से बनाया गया है। ऐसा नहीं होगा कि वकील ऐसी याचिकाएं दाखिल करें और मुआवजे की मांग करें। हम ऐसा करने की इजाजत नहीं देंगे।

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