पेगासस जासूसी मामले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

नई दिल्‍ली. पेगासस जासूसी केस (Pegasus Spying Case) में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपना फैसला सुना सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइल के पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) के इस्तेमाल की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 13 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ आज तय करेगी कि इस पूरे मामले की जांच की जाए या नहीं.

इस पूरे मामले में केंद्र सरकार की ओर से आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन करने का प्रस्‍ताव रखा गया था. केंद्र सरकार की ओर से कमेटी के सामने इस पूरे मामले का खुलासा करने की भी बात कही गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था. सरकार ने की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर किसी विशेष सॉफ्टवेयर के उपयोग या गैर-उपयोग पर इस तरह से बहस नहीं की जा सकती है.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह राष्‍ट्रीय सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करना चाहता. कोर्ट सिर्फ ये जानता चाहता है कि पेगासस स्‍पाइवेयर का इस्‍तेमाल केंद्र सरकार की ओर से गैरकानूनी तरीके से किया गया है या नहीं. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना को 500 से अधिक लोगों और समूहों ने पत्र लिखकर कथित पेगासस जासूसी मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा फौरन हस्तक्षेप किए जाने का आग्रह किया था. उन्होंने भारत में इजरा/ली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर की बिक्री, हस्तांतरण और उपयोग पर रोक लगाने की भी मांग की थी.

300 से ज्‍यादा लोगों की जासूसी करने का है संदेह
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने दावा किया था कि इजरा/ली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत के 300 से ज्यादा मोबाइल नंबर उस संभावित सूची में थे, जिनकी जासूसी किए जाने का संदेह है. इस सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और अश्विनी वैष्णव, कारोबारी अनिल अंबानी समेत कम से कम 40 पत्रकार भी थे. पेगासस मामले के सामने आने के बाद फ्रांस ने इसकी जांच शुरू कर दी है, जिसके बाद केंद्र सरकार पर भी दबाव बढ़ा है.

Related Articles

Back to top button