मध्य प्रदेश सरकार मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कांग्रेस की याचिका हुई खारिज

देश की सर्वोच्च अदालत कोरोनावायरस जैसे संकट में भी काम कर रही है। यह अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहम मुद्दों पर अब भी फैसले ले रही है। ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर याचिका पर अब सुनवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मार्च में हुए मध्य प्रदेश सरकार के मामले पर राज्यपाल के द्वारा फ्लोर टेस्ट का आदेश देना सही था। यानी अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से दिए गए तर्क को अब नकार दिया गया। यानी कांग्रेस की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया है।

बता दे कि अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राज्य पर ऐसा आदेश नहीं दे सकते हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने तब खुद का निर्णय नहीं लिया बल्कि सिर्फ फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा। एक चलती हुई विधानसभा में दो तरह के ही रास्ते बचते हैं। इसमें फ्लोर टेस्ट और नो कॉन्फिडेंस मोशन ही है।

बता दे कि मध्य प्रदेश में बड़े उलटफेर के बाद बीजेपी सरकार बनी है। मध्य प्रदेश सरकार में कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा शामिल हुआ है। कांग्रेस के कभी दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद मध्य प्रदेश में बड़ा उलटफेर हुआ। सिंधिया समर्थक ने भी कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया था। जिसके बाद 22 विधायक कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में रहे। वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को दोबारा सत्ता नहीं मिली। कांग्रेस को इस्तीफा देना पड़ा था।

बता दे कि मध्य प्रदेश में बीजेपी बहुत समय से अपनी सरकार बना रही थी लेकिन इस बार कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ मध्य प्रदेश में सरकार बनाई। हालांकि 5 साल से पहले ही यह सरकार गिर गई और अब फिर से मध्यप्रदेश में बीजेपी सत्ता में है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बन गए हैं।

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