झारखंड सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने 9 कोयला खदानों की नीलामी पर अंतरिम रोक लगाने से किया इंकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के कोयला खदानों की नीलामी पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया है। झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीलामी पर रोक नहीं लगेगी, लेकिन इस बारे में लिया गया कोई भी कदम हमारे अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा।

सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस दौरान पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। 4 नवम्बर को कोर्ट ने जंगल में खनन से पर्यावरण को नुकसान के आकलन के लिए कमेटी बनाने की बात कही थी। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ऐसा न करने का अनुरोध किया था।

पहले की सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि केंद्र ने झारखंड सरकार से सलाह लिये बिना ही एकतरफा घोषणा की है। केंद्र के इस फैसले से पर्यावरण को नुकसान होने के अलावा आदिवासियों पर भी असर होगा।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार उसकी सीमा के भीतर स्थित इन खदानों और खनिज संपदा की मालिक है। याचिका में 5 और 23 फरवरी की बैठकों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि केंद्र ने राज्य सरकार की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों पर विचार नहीं किया। याचिका में संविधान की पांचवीं अनुसूची का जिक्र करते हुए कहा गया है कि झारखंड में नौ कोयला खदानों में से छह को नीलामी के लिए रखा गया है। ये सभी पांचवीं अनुसूची के इलाके में हैं। याचिका में कहा गया है कि झारखंड में 29.4 फीसदी वन क्षेत्र है और नीलामी के लिए रखी गई कोयला खदानें वन भूमि पर हैं।

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