यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब।

यूक्रेन से लौटे हुए मेडिकल स्टूडेंट्स की आगे की पढ़ाई को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया। सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में कहना है

यूक्रेन से लौटे हुए मेडिकल स्टूडेंट्स की आगे की पढ़ाई को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया। सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में कहना है की उन मेडिकल स्टूडेंट्स का भारत में अड्मिशन पाना कानूनन संभव नहीं है।

यूक्रेन में 20 हजार के आस-पास भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे थे, जिन्हे फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ कर मजबूरन भारत वापस आना पड़ा। वहाँ से वापस आने के बाद उन स्टूडेंट्स ने सरकार से भारत में अड्मिशन की मांग की थी। दिव्यम त्रिपाठी नामक युवक द्वारा व्यवस्थित की गई एक मीटिंग, वह मीटिंग मनसूख मांडविया के साथ हुई थी जिसमे उन्होंने कहा था की इस विषय में जल्द ही कोई समाधान निकालेंगे साथ ही में उन्होंने उन स्टूडेंट्स की आगे की मेडिकल की पढ़ाई को भारतीय कॉलेज में जारी रखने की बात की थी।

मेडिकल स्टूडेंट्स की मनसुख मांडविया के साथ हुई पहली मीटिंग की तस्वीर।

गुरुवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, इसके दौरान केंद्र ने अपने जवाब में कहा है की इन स्टूडेंट्स को भारत में अड्मिशन दे पाना कानूनन संभव नहीं है। केंद्र का कहना है की यह लोग यूक्रेन से सहमीट लेकर किसी अन्य देश में डिग्री पूरी कर सकते है।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि यूक्रेन गए छात्र या तो NEET में कम अंक मिलने के कारण वहां गए या सस्ती पढ़ाई से आकर्षित होकर। अब अगर उनको भारत के बड़े कॉलेजों में जगह दी गई तो यह दूसरे प्रतिभाशाली छात्रों के साथ गलत होगा। फिर उनकी तरफ से मुकदमे दाखिल होने लगेंगे। जिससे बात सिर्फ और आगे बढ़ती चली जाएगी।

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