ऑनलाइन सट्टेबाज़ी पर SC का बड़ा फैसला: केंद्र सरकार को नोटिस जारी, मुसीबत में ड्रीम-11 समेत ये ऐप्स..

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 23 मई 2025 को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाज़ी ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध और ऑनलाइन गेमिंग तथा फैंटेसी स्पोर्ट्स के लिए सख्त नियमन की मांग करती है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की पीठ ने केंद्र से जवाब मांगा है, हालांकि इस चरण में राज्य सरकारों को नोटिस जारी नहीं किया गया है।
याचिका की मुख्य बातें: युवाओं की सुरक्षा और सामाजिक प्रभाव
याचिकाकर्ता, जो स्वयं को “ग्लोबल पीस इनिशिएटिव” के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं, ने दावा किया है कि ये ऐप्स युवाओं को जुए की ओर आकर्षित कर रहे हैं, जिससे मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। याचिका में तेलंगाना में 25 बॉलीवुड हस्तियों, क्रिकेटरों और प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर का उल्लेख किया गया है, जिन पर सट्टेबाज़ी ऐप्स का प्रचार करने का आरोप है।
न्यायालय की टिप्पणी: कानून से पूर्ण रोक संभव नहीं
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि लोग स्वेच्छा से इन गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, और केवल कानून बनाकर इसे पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “सिद्धांततः हम आपके साथ हैं, इसे रोका जाना चाहिए… लेकिन शायद आप गलतफहमी में हैं कि इसे कानून से रोका जा सकता है।”
सट्टेबाज़ी ऐप्स और सामाजिक नुकसान
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि तेलंगाना में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी के कारण 24 लोगों ने आत्महत्या की है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि ये ऐप्स फैंटेसी स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर जुए को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे युवाओं और कमजोर वर्गों को नुकसान हो रहा है।
आगे की प्रक्रिया: केंद्र की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब मांगा है। यह सुनवाई जुए और ऑनलाइन सट्टेबाज़ी से संबंधित मौजूदा कानूनों की समीक्षा और नए नियमन या संशोधनों की संभावना को खोलती है।