छलका मेनका गांधी का दर्द

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सुलतानपुर सांसद मेनका गांधी तीन दिवसीय दौरे के आखरी दिन चीनीमिल स्थित सैदपुर गांव में चौपाल को संबोधित करने पहुंची। बेटे वरुण के अधूरे विकास कार्यों के पूरे न होने का दर्द मेनका गांधी के चेहरे पर साफ झलका। उन्होंने कहा कि, वरुण ने निषाद समाज के लिए एक निषाद मंडी बना के गए थे, वो मंडी पूरी नही हुई है। उसमें दुकाने बननी हैं जो बनकर रहेगी। मेनका ने कहा कि मैं आपसे वादा करती हूं, बस मुझे और 6 महीने साल का समय चाहिए। मेनका गांधी ने ये भी कहा कि पिछले चार महीने में हम लोगों ने गांव की दस हजार से ज्यादा लड़ाईयां सुलझा ली हैं। खुद मुख्यमंत्री ने कहा है कि सबसे ज्यादा लड़ाईयां जो सुलझाई गई हैं वो सुलतानपुर में हैं।
मेनका ने आगे कहा कि, जब मैं यहां आई थी तो हर गांव में 160 से ज्यादा लड़ाईयां थीं। कोई किसी का घर नही बनने दे रहा है, कोई सड़क के बीच में बैठ गया है, कोई किसी का घर कब्जा कर ले रहा था, किसी के खम्भे का विवाद था। मेरी कोशिश यही है जितनी जल्दी एक-एक की जमीन का समाधान करती जाऊंगी उतनी ही खुशी से आप लोग रह सकते हैं।

 

मेनका गांधी ने इशारे ही इशारे में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब मैं सुलतानपुर आई तो उस वक्त तक एक आदमी को भी मुद्रा योजना का लाभ नही मिला था। जबकि मैं पीलीभीत से सांसद बनकर आई थी, जहां एक लाख से भी ज्यादा लोगों को मुद्रा योजना का लाभ दिलाया था। उन्होंने बताया कि जब से मैं यहां आई हूं 15 हजार से ज्यादा लोगों को मुद्रा योजना का लाभ दिला चुकी हूं।

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