पिछली बार फोन आया था, अबकी इंतज़ार ही करते रह गए!

पिछली बार फोन आया था, अबकी इंतज़ार ही करते रह गए!

वे नेता जिन्हें इस बार मोदी की कैबिनेट में जगह नही मिल

नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ले ली है और साथ ही मोदी की कैबिनेट भी अब तय हो गयी है। मोदी की कैबिनेट में नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी माने जाने वाले अमित शाह भी शामिल हो चुके हैं। लेकिन बहुत से ऐसे चेहरे भी है जिन्हें इस बार कैबिनेट में शामिल नही किया गया है ।

अरुण जेटली
पिछली बार अरुण जेटली वित्त मंत्री थे लेकिन इस बार उन्हें कोई पद नही दिया गया है। अरुण जेटली ने मोदी को पत्र लिख कर कोई पद न देने को कहा था। उन्होंने अपनी सेहत के बारे में ज़िक्र किया था और कहा था मेरी सेहत ठीक नही है इसलिए मुझे कैबिनेट में कोई पद न दिया जाए।

सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज को पहले विदेश मंत्री बनाया गया था। सुषमा स्वराज का विदेश मंत्री के तौर पर अच्छा काम रहा है लेकिन उन्होंने भी सेहत का हवाला देकर मंत्री बनने से इनकार कर दिया था।

महेश शर्मा
पिछली सरकार में महेश शर्मा केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री थे।लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

जे पी नड्डा
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नड्डा स्वास्थ्य मंत्री थे और इस बार उनका नाम भी मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं था

राज्यवर्धन सिंह राठौर
राज्यवर्धन को खेल व सूचना और प्रसारण मंत्रालय दिया गया था लेकिन इस बार उन्हें कैबिनेट में शामिल नही किया गया।

सुरेश प्रभु
पिछली सरकार में सुरेश प्रभु को पहले केंद्रीय रेलमंत्री बनाया गया था बाद में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया। लेकिन अब नई कैबिनेट में उन्हें कोई पद नही दिया गया।

मेनका गांधी
पिछले चुनाव में मेनका गांधी को कैबिनेट की मंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार इन्हें कोई पद नही दिया गया ।

जयंत सिन्हा
पिछली बार जयंत सिन्हा ने पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और बाद में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला था, लेकिन उन्हें भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

उमा भारती

उमा भारती को भी नई सरकार में जगह नहीं मिली है। पिछली सरकार में उमा भारती केंद्रीय मंत्री थीं।

मनोज सिन्हा

मनोज सिन्हा पिछली सरकार में मंत्री थे लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में हारने के बाद इन्हें कोई पद नही दिया गया है।

शिव प्रताप शुक्ल

पिछली सरकार में शिव प्रताप शुक्ल केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री थे। लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

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