शर्मनाक: दूसरी जाति में शादी करने पर तालिबानी सजा.. मुंडवाया एक ही परिवार के 40 लोगों का सिर, जुर्माना भी

ओडिशा के रायगढ़ जिले (Rayagada) के काशीपुर ब्लॉक के बैगानागुड़ा गांव में एक आदिवासी महिला द्वारा अनुसूचित जाति के युवक से अंतरजातीय विवाह करने के बाद सामाजिक क्रांति की लहर उठी। इस मामले में महिला के परिवार के करीब 40 सदस्यों ने सामूहिक रूप से सिर मुंडवाया और पशु बलि देकर स्वयं को “शुद्ध” घोषित करवाया—यह आदिवासी प्रथा और जातिगत विवाद की जटिल स्थिति को उजागर करती है।
घटना का स्थान और सामाजिक विरोध
यह घटना बैगानागुड़ा गांव, काशीपुर ब्लॉक, रायगढ़ जिले में हुई, जहाँ स्थानीय आदिवासी समाज में अंतरजातीय विवाह पर प्रतिबंध है। महिला (20 वर्ष की अनुमानित) ने अनुसूचित जाति के युवक से विवाह कर लिया, जिसे समाज और परिवार ने स्वीकार नहीं किया।
समाज की एक बैठक में निर्णय लिया गया कि परिवार को पुनः स्वीकार्यता पाने के लिए “शुद्धिकरण” कराना आवश्यक है, अन्यथा उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
सिर मुंडवाना और पशुबलि
बैठक के आदेश के बाद करीब 40 परिवार के पुरुष सदस्यों ने सिर मुंडवाकर सफाई की रस्म पूरी की। साथ ही स्थानीय देवता के समक्ष बकरियाँ, सूअर और मुर्गियाँ बलिदान की गई। इस अनुष्ठान के बाद ही उन्हें समाज में पुनः सम्मिलित किया गया।
स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कर दिया कि ऐसा “स्वैच्छिक” रूप से किया गया, लेकिन वायरल वीडियो और सामाजिक दबाव ने इसकी असलियत पर सवाल खड़े कर दिए।
वीडियो वायरल और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
गीतात्मक अनुष्ठान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें साफ दिखता है कि परिवार खेत में सिर मुंडवा रहा है। इस वायरल वीडियो के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और काशीपुर ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) विजय सोए को घटना की जांच का निर्देश दिया गया।
BDO की टीम ने गांव का दौरा किया, और बताया कि परिवार ने “परंपरागत रीति” का हवाला देते हुए सब कुछ स्वयं किया। सरकारी अधिकारी अब यह भी देख रहे हैं कि क्या परिवार को अंतरजातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि (₹2.5 लाख) मिल सकती है।
सामाजिक, कानूनी और नीति संदर्भ
जातिगत प्रथा और दबाव: रायगढ़ के आदिवासी समुदाय में बाहरी शादी को परंपरा का उल्लंघन माना जाता है और ऐसा विवाह सामाजिक बहिष्कार का कारण बन सकता है।
सरकारी सुविधा: ओडिशा सरकार अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए ₹2.5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, लेकिन सामाजिक प्रतिबंध इसे सीमित कर रहे हैं।
मामले की कानूनी स्थिति: फिलहाल कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है और मामले की जांच ब्लॉक स्तर पर जारी है; वीडियो से मिली जानकारी को केंद्रित किया जा रहा है।
यह मामला सिर्फ एक अंतरजातीय विवाह का विवाद नहीं बल्कि गहराई से जड़ में बसी जातिगत प्रथाओं, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच एक जटिल संग्राम का प्रतीक है। सदस्यों के सिर मुंडवाते चित्र पुष्टि करते हैं कि उस गांव में सामाजिक बहिष्कार की धमकी वास्तविक और प्रभावी थी।