योगी कैबिनेट 2.0 में सिद्धार्थ नाथ सिंह नहीं मिली जगह, समर्थकों ने जाहिर की नाराजगी

योगी कैबिनेट 2.0 में सिद्धार्थ नाथ सिंह नहीं मिली जगह

लखनऊ: प्रयागराज शहर की पश्चिमी विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार कमल खिलाने के बावजूद सिद्धार्थ नाथ सिंह को योगी कैबिनेट में शामिल न किए जाने को लेकर अब स्थानीय लोगों की नाराजगी भी सामने आ रही है. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती व भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. कई लोग उन्हें मंत्री बनाए जाने के पक्ष में सामने आने लगे हैं.

राजरुपपुर से पार्षद अखिलेश सिंह ने सिद्धार्थ नाथ सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सिद्धार्थ नाथ सिंह ने 2017 में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के तिलिस्म को तोड़ते हुए पहली बार कमल खिलाया था और जीत दर्ज की थी. जिसके बाद उन्होंने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर शहर पश्चिम की जनता को भयमुक्त वातावरण दिया था, लेकिन उनके 2022 में 28 हजार 500 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने के बाद भी मंत्री न बनाए जाने से लोगों में मायूसी छा गई है.

सिद्धार्थ नाथ सिंह मंत्री न बनाए जाने पर लोग नाराज

लोगों का कहना है कि अगर सिद्धार्थ नाथ सिंह को अगर मंत्री नहीं बनाया गया तो एक बार फिर से शहर के पश्चिमी क्षेत्र में माफिया व अपराधी सिर उठा सकते हैं. इससे क्षेत्र में अशांति फैलाने का भी खतरा बना हुआ है. पार्षद अखिलेश सिंह के मुताबिक उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम योगी को पत्र भेजकर उन्हें मंत्री बनाए जाने की मांग की है. लोगों का कहना है कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से क्षेत्र की जनता के बीच गलत संदेश गया है.

बता दें साल 2017 में सिद्धार्थ नाथ सिंह को योगी सरकार में अहम विभागों का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. उन्हें राज्य सरकार के प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वहीं ओम प्रकाश नगर के सभासद मिथिलेश सिंह ने कहा है कि समर्थक सोशल मीडिया पर भी मुहिम चला रहे हैं कि सिद्धार्थ नाथ सिंह को कैबिनेट में शामिल किया जाए. समर्थकों का कहना है कि सिर्फ जातीय आधार पर मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए, बल्कि योग्यता को भी जरुर देखना चाहिए.

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