गांधी परिवार के बिना सिब्बल की दावत

कपिल सिब्बल ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया, कांग्रेस लीडरशिप पर फिर उठे सवाल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को विपक्षी नेताओं को अपने जन्मदिन की दावत दी। इसमें वैसे तो सरकार को घेरने और 2024 के चुनाव में BJP के खिलाफ एकजुट होने का मुद्दा छाया रहा, लेकिन खास बात ये रही कि इसमें गांधी परिवार से कोई नहीं था।

ये दावत ऐसे समय दी गई है जब राहुल गांधी श्रीनगर के दौरे पर हैं और प्रियंका विदेश में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दावत में एक बार फिर कांग्रेस में बदलाव का मुद्दा उठा। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस का कायाकल्प तभी संभव है जब गांधी परिवार लीडरशिप छोड़ दे। अकाली दल के नरेश गुजराल ने तो सीधा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार के ‘चंगुल’ से बाहर निकले बिना कांग्रेस का मजबूत होना मुश्किल है।

ये दावत इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। सिब्बल की दावत में पी चिदंबरम, शशि थरूर और आनंद शर्मा भी शामिल थे। ये तीनों नेता भी कांग्रेस के भविष्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं।

NDA से अलग हुए अकाली दल के नेता भी पहुंचे
सिब्बल की दावत में दूसरे विपक्षी दलों से राजद चीफ लालू प्रसाद यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना सांसद संजय राउत, NCP के चीफ शरद पवार, तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, DMK के त्रिरुचि शिवा, RLD के जयंत चौधरी शामिल थे।

वहीं नवीन पटनायक के बीजू जनता दल (BJD) से पिनाकी मिश्रा भी इसमें पहुंचे थे। TDP और YSR कांग्रेस पार्टी के नेता भी सिब्बल की दावत में शामिल हुए। सिब्बल ने पहली बार अकाली दल को भी न्योता दिया था। अकाली दल से नरेश गुजराल दावत में पहुंचे। बता दें कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल पिछले साल NDA से अलग हो गया था।

विपक्षी नेताओं को दी गई दावत में सिब्बल ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में सभी संस्थान बर्बाद कर दिए गए। उन्होंने सभी विपक्षी दलों को क्लियर फोकस के साथ काम करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब भी कांग्रेस मजबूत होती है तो विपक्ष भी मजबूत हो जाता है। साथ ही उन्होंने ये सवाल भी किया कि कांग्रेस की मजबूती के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

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